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हत्या का प्रयास करने वाले एक महिला सहित 05 आरोपियों को आजीवन कारावास।

Neemuch headlines June 30, 2025, 3:14 pm Technology

नीमच। आलोक कुमार सक्सेना, विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नीमच द्वारा पुरानी रंजीश के कारण सब्बल, लकड़ी व पत्थरों से फरियादी के साथ मारपीट कर उसकी हत्या का प्रयास करने वाले एक महिला सहित 05 आरोपीगण (01) माया पिता भैरूलाल बंजारा, आयु 28 वर्ष, (02) कमल उर्फ करण पिता भैरूलाल बंजारा, आयु-24 वर्ष, (03) सत्तू उर्फ सत्यनारायण पिता भैरूलाल बंजारा, आयु 30 वर्ष, (04) भैरूलाल पिता दीपा बंजारा, आयु-73 वर्ष व (05) अर्जुन पिता भैरूलाल बंजारा, आयु-23 वर्ष, सभी निवासीगण-ग्राम मोरवन चादर, तहसील जावद, जिला-नीमच को धारा 3(2) (वी) अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत आजीवन कारावास व 500-500 अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं आरोपीगण कमल उर्फ करण एवं अर्जुन को धारा 341 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत भी 500-500 रूपये अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाली विशेष लोक अभियोजक श्रीमती कीर्ति शर्मा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 5 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 01.07.2020 को रात्री के लगभग 09 बजे ग्राम मोरवन चादर स्थित फरियादी के घर जाने वाले रास्ते की हैं। फरियादी कारूलाल जो कि भील समाज को होकर अनुसूचीत जनजाति का सदस्य हैं, इस बात को आरोपीगण जानते थे। घटना दिनांक को फरियादी कारूलाल उसके घर जा रहा था कि रास्ते में आरोपीगण द्वारा उसके साथ पुरानी रंजीश के कारण विवाद करते हवे कहा कि तू तेरी लड़की को कहां छोड़ आया हैं और ऐसा बोलते हुवे उनके द्वारा फरियादी के साथ लकडीयों, पत्थर, लात-घूसे व सब्बल से मारपीट की गई, जिस कारण फरियादी को सिर पर, हाथ पर, अंगूठे पर व घुटने गंभीर चोट आई। मौके पर गांव वाले आ गये थे, जिन्होनें बीच-बचाव किया और डायल 100 पर फोन कर पुलिस को बुलाया व उसे ईलाज हेतु नीमच अस्पताल पँहुचाया गया। फरियादी के बेहोश हो जाने से अगले दिन होश में आने पर थाना जावद में रिपोर्ट लेख की गई।

जावद पुलिस ने विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया तथा शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय, नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती कीर्ति शर्मा द्वारा फरियादी सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर यह प्रमाणित किया कि आरोपीगण द्वारा यह जानते हुवे की फरियादी भील जाति का होकर अनुसूचीत जनजाति का सदस्य हैं उसके साथ लकड़ीर्यों व सब्बल से मारपीट कर हत्या का प्रयास किया गया एवं घटना की गंभीरता को देखते हवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जानें का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय विशेष न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती कीर्ति शर्मा द्वारा की गई।

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