जीरन। जीरन में किलेश्वर महादेव की पावन भूमि पर श्री श्याम मित्र मंडल के तत्वावधान में आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा में अयोध्या से आई कथा मर्मज्ञ व प्रवक्ता साध्वी दीदी लक्ष्मी प्रिया जी पांडे के मुख से झरता अमृत...... उस पर हजारों भक्तों का भाव श्री राम कथा में अभिभूत होकर नृत्य करना..... सब कुछ अद्भुत था। श्री राम कथा में त्रेतायुग में अवतरित हुए श्री राम और द्वापरयुग में अवतरित हुए भगवान श्री कृष्ण के एक साथ ही पंडाल में दोनों के दरबार सजे हुए हैं एक साथ सभी पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं श्रद्धालु। श्री राम कथा पांचवें दिन शनिवार को प्रवचन की ऐसी गंगा बही की पंडाल में बैठे हजारों श्रद्धालु थोड़ी -थोड़ी देर में श्री राम की जय - जयकार कर उठते हैं, उनके मुख से झर रहा था तो केवल मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का नाम और कौशल्या नंदन के गीत।
साध्वी दीदी की कथा के प्रारंभ से पूर्व ही विशाल पंडाल खचाखच भर गया और देखते ही देखते श्रद्धालुओं का सैलाब ऐसा उमड़ा की विशाल कथा पंडाल भी छोटा पड़ गया। मिथिला पुरी में सीता स्वयंवर में 10 हजार राजा शामिल हुए थे सभी एक से बढ़कर एक महाबली योद्धा थे, परन्तु एक भी योद्धा शिव धनुष को हिला तक नहीं पाएं। श्री राम ने धनुष भंग कर के जनकनंदिनी जानकी से विवाह रचाया । आज श्री राम की शादी है ऐसा लगता है कि सारे ब्रह्माण्ड की शादी है.......शादी के गीत पर पंडाल में उपस्थित हजारों श्रद्धालु झूम उठे। राजा जनक और लक्ष्मण संवाद, राम, लक्ष्मण का मिथिला पूरी नगर भ्रमण, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, श्री राम-जानकी विवाह.... प्रसंग का श्रवण करवाते हुए कहा कि धनुष स्वयंवर में भगवान् श्री राम योद्धाओं को योद्धा और नगरवासियों को जमाई दिखाई दे रहे थे मौके पर उपस्थित हर मिथिला पुरी के वासियों को जिसकी जैसी सोच उन्हे उसी रूप में दिखाई दे रहे थे भगवान श्री राम। श्री राम कथा श्रवण करना पवित्र गंगा स्नान करने के समान है।
जिस घर में नारी का सम्मान होता है, वहां देवता और लक्ष्मी का वास होता हैं । उक्त अमृतोपदेश कथा मर्मज्ञ साध्वी दीदी लक्ष्मी प्रिया जी पांडे के मुखारविंद से सामुदायिक भवन जीरन में श्री श्याम मित्र मंडल के माध्यम से क्षेत्र वासियों के सहयोग से आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा महोत्सव के पांचवें दिन शनिवार को धर्म ज्ञान गंगा का हजारों श्रद्धालुओं को रसास्वादन करवाते हुए कहे। कहा कि आशुतोष भगवान शिव भी स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के वशीभूत हैं। प्रेम इंसान को भगवान बना देता है, प्रेम की गली अति सांकरी होती है। कथा मर्मज्ञ साध्वी दीदी लक्ष्मी प्रिया पांडे अपने मुखारविंद से सुरिली आवाज में रामायण की चौपाईयो को जिस अंदाज में गायकी में प्रस्तुत की जा रही है सभी गायिकी की अभिभूत हो रही है। कथा में दूर-दूर ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बड़े ही एकाग्रचित्त होकर पूरे मनोभाव से अभिभूत होकर श्री राम ज्ञान गंगा सरिता में गोते लगा रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि श्री राम कथा व्यास पीठ कथा पंडाल में हारे का सहारा खाटू नरेश का बड़ा ही मनोहारी दृश्य में अलौकिक आकर्षक ढंग से दरबार सजाया गया है जहां श्रीराम कथा श्रवण के साथ साथ खाटूश्यामजी के दिव्य दर्शन करने का लाभ भी ले रहे है।
भगवान श्री राम -जनक नंदनी माता जानकी विवाह के अवसर पर पंडाल में हजारों श्रद्धालुओं ने 10 मिनट तक संगीतमय राम धुन का गायन किया गया। सर्वप्रथम श्रीराम कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान दुर्गा शंकर (लाला) भट्ट, चांदमल राजौरा, गुड्डू लाल सगवारिया, मुकेश मेडिवाला, योगेश प्रजापत, नंदराम राजोरा द्वारा पोथी पूजन कर आरती की जिसके बाद नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान गंगा प्रवाह हुई।