नीमच की जनसुनवाई मे पीड़ित महिला पहुंची तहसीलदार के खिलाफ शिकायत करने, जावद न्यायालय का एक अनोखा मामला जहां दी गई तारीख से पहले ही हो गया फैसला

Neemuch headlines May 28, 2025, 11:01 am Technology

नीमच। कहते कि न्याय सबके लिए बराबर है और जब दो पक्ष आपस में लड़ते हैं तो वह एक दूसरे को बड़ी मजबूती के साथ यह कहते हैं कि न्यायालय में देख लेंगे, क्योंकि उन्हें भरोसा होता है कि न्याय व्यवस्था उनके हितों की रक्षा करते हुए उनके पक्ष को जानकर सही निर्णय करेगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। परंतु यहां तो मामला कुछ और ही हो गया। नीमच जिले की जावद तहसील में न्यायालय तहसीलदार जावद सुश्री मयुरी जोक द्वारा प्रकरण क्रमांक 174/बी-121/2024-25 में तहसीलदार द्वारा दी गयी

दिनांक 03.04.2024 के पूर्व ही उक्त प्रकरण का निराकरण/आदेश पारित कर दिया गया। पीड़िता श्वेता मनोज जोशी निवासी भोलीयावास ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जिला कलेक्टर महोदय को जनसुनवाई में एक लिखित आवेदन देकर शिकायत की। जिसमें उनका कहना है कि मुझ प्रार्थीया द्वारा भुमि सर्वे नं 26/1/1/1/1 रकबा 0.111 हेक्टर भुमि पर अन्य भूमिस्वामी जमनाबाई पति लक्ष्मीनारायण प्रजापत, दिनेश पिता लक्ष्मीनारायण खोईवाल, अभिषेक पिता प्रहलाद राठौर, दीपक पिता गोपाल राठौर, गोपाल पिता चन्द्रशेखर पुरोहित, ओमप्रकाश शर्मा द्वारा मुझ प्रार्थीया द्वारा इनके पक्ष में कराई गयी रजिस्ट्री से अधिक भुमि पर उक्त विपक्षीगण काबिज है इसकी जाचं हेतु न्यायालय तहसीलदार जावद के समक्ष आवेदन पेश किया था जिसका प्रकरण विचारण था। प्रकरण विचारण के समय पटवारी रिपोर्ट भी आना थी तथा तहसीलदार द्वारा प्रकरण मे आगामी पेशीया भी दी जा रही थी। तथा पटवरी रिपोर्ट भी आना शेष थी जिसमे प्रार्थीया के अधिवक्ता आशीष कदम जावद तहसीलदार के समक्ष उपस्थित हुए थे तथा मौके पर प्रार्थीया व विपक्षीगण भी उपस्थित हुए थे। जिसका प्रकरण क्रमांक 174/बी-121/2024-25 था। इस दौरान न्यायालय तहसीलदार जावद के पीठासीन अधिकारी ततकालीन सुश्री मयुरी जोक द्वारा दिनांक 24.03.2025 को न्यायालयीन प्रोसेडिंग पर विपक्षीगण और पीड़िता के अधिवक्ता के समक्ष आगामी पेशी दिनांक 03.04.2025 दी गयी थी जिसमे प्रार्थीया के अधिवक्ता के भी हस्ताक्षर है तथा अन्य पक्षकारों के भी हस्ताक्षर है। किंतु तहसीलदार जावद ने उक्त प्रोसेंडिंग पर तारिख देने के बाद भी प्रार्थीया और उसके अधिवक्ता को बिना बताये उसी दिनांक 24.03.2025 को उक्त प्रकरण का आदेश पारित कर दिया जिसकी जानकारी पीड़िता को तब मिली जब वह 03 अप्रैल 2025 को अपनी निर्धारित तारीख पर जावद न्यायालय पहुंची। पीड़िता श्वेता मनोज जोशी ने यह भी बताया कि उनके अधिवक्ता द्वारा आगामी दिनांक 03.04.2025 ली गयी थी। ऐसे मे उनके अधिवक्ता और उक्त प्रकरण मे सम्बधीत पक्षकार के न्यायालय से बाहर जाने के बाद सुश्री मयुरी जोक मेडम जो ततकालीन जावद तहसीलदार थी उन्होने उक्त प्रकरण में दिनांक 24.03.2025 को ही आदेश पारित किया है जो एक अवैधानिक व विधी विरूद्ध कार्य है जिसकी जाचं की जाना आवश्यक है। इस पूरे मामले में पीड़िता श्वेता जोशी ने नीमच हेडलाइंस को बताया कि यह मामला काफी गंभीर है और बिना किसी जानकारी के दी गई तारीख से पहले एक पक्षीय निर्णय करना कानून के नियमों के विरुद्ध है। ऐसे में जिला कलेक्टर महोदय इस पूरे मामले की गंभीर जांच कर कर उचित कार्रवाई करें। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में जांच के पश्चात क्या कठोर कदम उठाता है।

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