सीसीआई के मजदूरों का बकाया वसूली के लिए न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक -चौरसिया
-फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज करें प्रशासन-तरुण बाहेती
नीमच। मजदूरों के पक्ष में एतिहासिक फैसला देने और मजदूरों का बकाया वसूली के लिए सीसीआई फैक्ट्री की संपत्ति कुर्क करने शनिवार को प्रशासनिक फैक्ट्री पहुंचे थे। हालांकि फैक्ट्री पर परिसर में कोई जिम्मेदार नहीं मिला,जिसके कारण कुर्की की कार्यवाही नहीं हो पाई। हालांकि इस मौके पर कांग्रेसजनों ने फैक्ट्री परिसर पहुंच प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम प्रीति संघवी और तहसीलदार मयूरी जोक का मजदूरों के हक में एतिहासिक फैसला देने पर सम्मान कर धन्यवाद दिया।
इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्य्क्ष अनिल चौरसिया ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार सीसीआई फैक्ट्री का संपत्तियों को बेचने का गुपचुप प्रयास किया था, जिसे न्यायालय तहसीलदार जावद के निर्णय ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार सार्वजनिक संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बना चुकी है। उन्होंने कहा कि सीसीआई फैक्ट्री सोने की खान है, जिसे बेचने और केंद्र सरकार को सहयोग करने वाले उद्योगपतियों को लाभ देने की सरकार की योजना है,जिसका हमेशा कांग्रेस विरोध करेगी।
पहले भी सीसीआई फैक्ट्री की संपत्तियों की नीलामी के विरोध में नीमच जिला कांग्रेस ने धरना दिया था। कांग्रेस प्रदेश सचिव व जिला पंचायत सदस्य तरुण बाहेती ने तहसीलदार न्यायालय जावद के सीसीआई प्लांट की संपत्तियों की नीलामी पर रोक के निर्णय को न्याय की जीत बताते हुए कहा की जावद न्यायालय के आदेश के बावजूद आज कुर्की करने पर सीसीआई प्रबंधन के मुख्य अधिकारी को उपस्थित नहीं होने पर उनके ऊपर अदालत की अवमानना कन्टेम ऑफ कोर्ट का मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
बाहेती ने कहा की सीसीआई प्रबंधन मजदूर को उनका हक नहीं देना चाहता अगर प्रबंधन की नियत सही होती तो आज तहसीलदार के पहुंचने पर सीसीआई प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहते। इस्पात मंत्रालय ने नीलामी के दौरान नई दिल्ली हाईकोर्ट व जावद न्यायालय को अंधेरे में रखकर सीसीआई फैक्ट्री की संपत्तियों नीलामी कर दिया था। श्री बाहेती ने कहा की सीसीआई फैक्ट्री की नीलामी प्रक्रिया गुपचुप तरीके से की गई थी,जो किसी उद्योग विशेष को लाभ पहुंचाने का खेल है।
श्री बाहेती ने नीमच के भाजपा के जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा की मजदूरों के सीसीआई प्रबंधन पर करोड़ों रुपए बाकी होने की जानकारी के बाद भी सांसद सुधीर गुप्ता व जिले के तीनों विधायकों ने जरा भी मजदूरों के हितों को संज्ञान नहीं लिया एवं नीलामी पर आंखें मूंद कर चुप्पी साधे रहे। बाहेती ने कहा की मजदूर साथियों के साथ जावद न्यायालय में पहुँच कर इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी और कांग्रेस मजदूरों के हक़ की हर लड़ाई में मजदूरों के साथ खड़ी है।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया ,कांग्रेस प्रदेश सचिव तरुण बाहेती, पूर्व जिला अध्यक्ष अजीत कांठेड़, जावद अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विजय जोशी, अधिवक्ता गुलाम यजदानी खान, मजदूर प्रतिनिधि शोभाराम धाकड़, रियाज मोहम्मद, भंवरसिंह, हिमांशु निर्वाण,अजय जायसवाल, राधेश्याम शर्मा, भोपाल सिंह राजपूत, लक्ष्मण राव व अन्य मजदूरों के परिवारजन उपस्थित थे।