चीताखेड़ा। जगत जननी मां आवरी माताजी मंदिर पर प्रति वर्ष चैत्र नवरात्र पर मेला समिति द्वारा विगत 18 सालों से नौ दिवसीय भव्य मेला आयोजित करते आ रहे हैं। दिनों दिन आवरी माताजी की बढ़ती महिमा के कारण श्रद्धालुओं में मां के प्रति अगाध श्रद्धा बढ़ती जा रही है। मेले में हजारों श्रद्धालुओं एवं मेलार्थियों का जनसैलाब उमड़ता है।
कल का मंदिर एवं मेला समिति पदाधिकारी आज बना महिषासुर। अंदरुनी विघ्न पैदा कर गंदी राजनीति का खेल खेलकर निकाल रहा है अपनी भड़ास।
उल्लेखनीय है कि माता जी एवं मेले की बढ़ती महिमा मंदिर एवं मेला समिति का कथित जवाबदार पदाधिकारी को खटकने लगी है और कल तक जो मां का भक्त बनता फिर रहा था वहीं अब महिषासुर के पद चिन्हों पर चल पड़ा है। वैसे यह कथित ताईवान पदाधिकारी मंदिर एवं मेला समिति के प्रति जवाबदार होने के बजाए विकास कार्य एवं मेले को रसातल में ले जाने के लिए अपनी ऐड़ी चोटी का दम लगा रहा है। वैसे ऐसी दानवी हरकतें शुरू से करता रहा है।
चैत्र नवरात्र मेले में नो दिनों तक सांस्कृतिक मंच पर कवि सम्मेलन,भजन संध्या सभी कार्यक्रमों के आयोजक धार्मिक प्रवृत्ति के गरीब मजदूरों द्वारा करवाया जाता था। कथित महाशय वैसे पैसे से धनाढ्य व्यक्ति हैं लेकिन धार्मिक कार्यों में एवं दान-पुण्य में किसी भिखारी से कम नहीं है। इसी दोगले महाशय के जेहन में धार्मिक कार्यों में खर्च करने वाले गरीब मजदूर खटकते रहे हैं और मंच पर उनको सम्मान देने के बजाए अपनी गंदी राजनीति के चलते उनका अपमान कर धार्मिक कार्यों से दूर कर दिया है। इसी की करतूतों के चलते आज मंच पर आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम समिति के खर्च से करवाने पड़ रहें हैं। कथित नटवर महाशय को मेले के कार्यक्रम में हमतम करते हैं तो फट्टू डर के मारी उन्हें समिति के वरिष्ठ शब्दों से संबोधित कर उन्हें मंच पर सम्मानित करने से नहीं चुकता है। 20-25 सालों से जगत जननी मां आवरी माताजी मंदिर पर तन-मन और धन से समर्पित है उन्हें आज पीछे धकेलते हुए जो कल तक आवरी माता जी मन्दिर और कार्य करने वालों की जी भरकर गालियां देते थे आज उन्हें सर आंखों पर बिठा रहा है।