Latest News

प्रेम पूर्वक परमात्मा की भक्ति करना मानव धर्म होता है - पंकज कृष्ण महाराज, श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित।

Neemuch headlines December 26, 2024, 7:20 pm Technology

नीमच ।जब जब धरती पर पाप बढ़ता है। तब तब महापुरुष अवतार लेते हैं। हरि अनंत हरि कथा अनंत होती है। संसार में रहते हुए भी परमात्मा का स्मरण सोते खाते, पीते भी करना चाहिए। हर पल प्रभु का स्मरण करें तो संकट कभी नहीं आता है। परमात्मा की भक्ति प्रेम पूर्वक करना है मानव धर्म होता है। यह बात इंदिरा नगर स्थित शनि देव मंशा पुर्ण महादेव हादेव मंदिर में अ आप और हम प्रेमी जन मंडल नगर नीमच के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में गुरुवार को श्रीमद् भागवत प्रवक्ता पंकज कृष्ण महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भक्ति करो तो ऐसी करो मीराबाई जैसी कि भक्ति से विष भी अमृत बन गया था।

सर में भागवत एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसमें व्यक्ति की महिमा नहीं बताई गई है। मनुष्य को ईमानदारी से ही जीवन जीना चाहिए क्योंकि बेईमानी के बाद भी अंत में ईमानदारी से ही न्याय मिलता है। सत्य परम धर्म है इससे बड़ा कोई संसार में धर्म नहीं होता है सदैव सत्य को अपनाना चाहिए तभी धर्म साथ देता है झूठ से ऊंचाई सफलता का शिखर प्राप्त कर सकते हैं लेकिन अंत में नीचे एक दिन गिरना ही पड़ता है। संसार में सभी को सत्य बोलना पसंद है लेकिन स्वयं दिन भर झूठ बोलते हैं चिंतन का विषय सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित कभी नहीं होता है। संसार में अर्थ काम सत्य है। जब दुनिया में अपना कोई नहीं रहता है तब भगवान याद आते हैं। कष्ट के समय भगवान याद आते हैं, 7 दिन तक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा श्रवण करने से राजा परीक्षित को मुक्ति मिल गई थी। युवा वर्ग परमात्मा की भक्ति में समर्पण भाव से लीन हो और मन के भाव पवित्र रखे तो ही सच्ची साधना हो सकती है और सच्ची साधना से ही आत्मा का कल्याण होता है।

शुकदेव मुनि ने माता के गर्भ में 12 वर्ष तक तपस्या की थी इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि पांच खेल के पांच कर्मेंद्रियां और पांच ज्ञानेंद्रियां मन और बुद्धि पर संयम रखना चाहिए। मनुष्य भौतिक संसार में उलझा हुआ है सत्संग के लिए समय नहीं निकाल पा रहा है। गर्भ को नर्क का पर्याय बताया गया है। श्रीमद् श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा को एक आसन पर ही बैठकर श्रवण करना चाहिए तभी भागवत ज्ञान गंगा की सिद्धि प्राप्त होती है। भागवत श्रवण करते समय प्रतिदिन भूमि पर ही शयन करना चाहिए। मनुष्य को संसार में रहते हुए पुण्य कर्म करना चाहिए फल की इच्छा नहीं रखना चाहिए। क्योंकि जो व्यक्ति पुण्य कर्म करता है उसे बिना मांगे ही मोती मिल जाते हैं और जो अच्छे कर्म नहीं करता है पाप कर्म करता है उससे मांगने से भी भीख नहीं मिलती है इसलिए हमें सदैव सत्य बोलना चाहिए। मोबाइल से आवश्यक काम ही करना चाहिए । मोबाइल में फालतू सामग्री नहीं देखना चाहिए इससे समय और श्रम दोनों नष्ट होता है। जब भी समय मिले तो भक्ति तपस्या सत्संग भजन कीर्तन करना चाहिए तो आत्मा का कल्याण हो सकता है। जितना समय हम मोबाइल चैटिंग में व्यर्थ करते हैं यदि उतना समय माला जाप में करेंगे तो हमारी आत्मा पवित्र हो सकती है मन को सुख शांति मिल सकती है। तनाव दूर हो सकता है। मोबाइल में समय बर्बाद करेंगे तो तनाव बढ़ता ही है तनाव से बचना है तो मोबाइल को छोड़ना पड़ेगा।

भागवत ज्ञान गंगा श्रवण से मन को शांति तथा संतोष का सुख मिलता है जो संसार में कहीं नहीं मिलता है। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी मनुष्य का मार्गदर्शन प्रदान करती है। युवा वर्ग गोकर्ण देव पार्षद संवाद के चरित्र हमें यह शिक्षा मिलती है कि सिर्फ कथा को सुनने से नहीं कथा को ग्रहण कर जीवन में आत्मसात करने से ही आत्मा कल्याण हो सकता है। मनुष्य जीवन में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो प्रतिदिन राम नाम का जाप करना चाहिए। विवाह संस्कार में नृत्य नहीं करना चाहिए यदि नृत्य करना है तो परमात्मा के मंदिर में ही नृत्य करना चाहिए मीरा ने अकेले ही कृष्ण श्री के मंदिर में नृत्य किया था और भक्ति करते हुए परमपिता परमात्मा की प्रतिमा में लीन हो गई थी। नृत्य दिखावे कि नहीं भक्ति को जीवन में आत्मसात करने का माध्यम है। हमारा स्वभाव सदाचार के साथ शांत होना चाहिए। धुंधकारी प्रसंग से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम माता पिता की सेवा नही करें उनके लिए 100 बार भी गया श्राद्ध कर दो तो मुक्ति नहीं मिलेगी। सदैव सत्य बोलना चाहिए। मूर्ख अहंकारी व्यक्ति झुकता नहीं है। गुणवान व्यक्ति हमेशा क्षमाशील होता है। सत्य समान कोई दूसरा धर्म नहीं होता है। गौ माता की रक्षा के लिए चमड़े का त्याग करना चाहिए। प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए। गौ माता की जान खतरे में आ सकती है। सत्संग कम समय के लिए मिले वह भी ग्रहण करें एक पल का सत्संग भी जीवन को परिवर्तन कर सकता है ।

एक पल का कुसंग भी जीवन को विनाश करवा सकता है। जुआ खेलते हैं वहां कभी नहीं जाना चाहिए। सिगरेट तंबाकू शराब जैसी बुराइयां से बचना चाहिए हमेशा नुकसान होता है। इसलिए सदैव सत्संग सुनना चाहिए। इस पर हमें विचार करना चाहिए। श्रीमद्भागवत में आज वामन अवतार श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में आज शुक्रवार को भागवत प्रवक्ता पंडित पंकज कृष्ण महाराज द्वारा वामन अवतार, कपिल मुनि चरित्र, अजामिल, ध्रुव चरित्र आदि विषयों के महत्व पर प्रकाश डालेंगे। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंग 25 से 31 प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में मंदिर में भागवत पोथी पूजन के बाद आरती की गई। जिसमें श्रीमती मालती चांदमल नागर, जगदीश बागड़ी, सोनू शर्मा, आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।

Related Post