Latest News

एमपी में तेज ठंड और शीतलहर का असर, सरकार ने जारी की एडवाइजरी, क्या करें क्या नहीं? पढ़ें पूरी खबर

Neemuch headlines December 13, 2024, 7:30 pm Technology

भोपाल। मध्य प्रदेश में पड़ रही कड़ाकेदार ठंड और शीतलहर जन जीवन को प्रभावित करने लगी है, प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों और आंगनबाड़ियों के समय में परिवर्तन कर दिया है स्कूल 9 बजे से पहले और आंगनबाड़ी 10 बजे से पहले नहीं खोले जाने के निर्देश जारी किये गए है, इसी क्रम में अब राज्य शासन ने प्रदेशवासियों के लिए एडवाइजरी जारी की है, शीतलहर और ठंड से बचाव एवं सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर शासन ने सम्नाब्धित विभागों और अस्पतालों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 4 दिनों तक तेज ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की है।

पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है और उत्तर भारत से सर्द हवाओं के आने कारण मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, फिलहाल 3-4 दिन मौसम का मिजाज यूही बने रहने की संभावना है। कई जिलों में पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया है इसलिए सरकार ने ठंड से बचने की सलाह प्रदेशवासियों को दी है। संबंधित विभागों और अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने शीतलहर से होने वाले दुष्प्रभावों और उससे बचाव के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिसंबर और जनवरी माह में शीतलहर के दौरान सर्द हवाओं से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सावधानियों और तैयारियों के वृहद निर्देश आदेश में शामिल हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा “नेशनल गाइडलाइंस फॉर प्रिपरेशन ऑफ एक्शन प्लान – प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट ऑफ कोल्ड वेव एंड फ्रॉस्ट” जारी की गई है, जिससे शीतलहर से बचाव और प्रबंधन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा सकें। इन दिशा-निर्देशों के तहत सभी संबंधित विभागों और अस्पतालों को सतर्क रहने और समय पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। मनोज परमार सुसाइड मामला, BJP ने कांग्रेस पर आपदा में अवसर तलाशने के आरोप लगाये, जीतू पटवारी को दी क़ानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी शीतघात और हाइपोथर्मिया मरीज के प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश अस्पतालों में शीतलहर से बचाव हेतु व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और खंड चिकित्सा अधिकारियों (BMO) द्वारा जिला और विकासखंड स्तर पर सुनिश्चित करने के निर्देश आयुक्त स्वास्थ्य ने दिये हैं।

साथ ही शीतघात और हाइपोथर्मिया से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं की त्वरित पहचान और प्राथमिक उपचार की समुचित व्यवस्था सभी अस्पतालों में करने के लिये कहा गया है। सुरक्षा के उपाय करें, विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां खाएं स्थानीय स्तर पर संचार माध्यमों से मौसम संबंधी पूर्वानुमानों के प्रति जागरूक रहने की नागरिकों को सलाह दी गयी है। मौसम के पूर्वानुमानों का पालन करें। शीतलहर के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और घर के अंदर ही रहें। ठंड में लंबे समय तक बाहर न रहें। ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनकर सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को ढककर रखें। विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां खाएं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें। आस-पड़ोस में रहने वाले वृद्धजनों और बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू और नाक से खून आने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। बंद कमरों में अंगीठी ना जलाएं, मेडिकल इमरजेंसी को नजरअंदाज ना करें बंद कमरों में अंगीठी या फायर पॉट का उपयोग करने से इससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड से शरीर को बहुत नुकसान होता है, जान का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए बंद कमरों में इसका प्रयोग न करें। फ्रॉस्टबाइट के दौरान त्वचा सफेद या फीकी पड़ सकती है। कपकपी, मांसपेशियों में अकड़न, बोलने में कठिनाई, अधिक नींद आना, सांस लेने में कठिनाई और बेहोशी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है और इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हाइपोथर्मिया से प्रभावित व्यक्ति को तुरंत गर्म कपड़े पहनाएं और उसे गर्म स्थान पर रखें। कंबल, तौलिया या चादर से शरीर को ढकें। गर्म पेय पदार्थ देकर शरीर के तापमान को बढ़ाएं। लक्षणों के बढ़ने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता लें। शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर के तापमान को घटाता है और रक्त धमनियों में संकुचन करता है। फ्रॉस्टबाइट प्रभावित अंगों को रगड़ने से बचें, इससे और अधिक नुकसान हो सकता है। बेहोश व्यक्ति को तरल पदार्थ न पिलाएं।

Related Post