रानी कैकेई ने राजा दशरथ से मांगे दो वरदान, श्री राम को 14 वर्ष का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा।

दशरथ माली October 21, 2024, 4:37 pm Technology

चीताखेड़ा । जय श्री कमल रामायण मंडल पिपल्या मंडी के गणपत गुरु के नेतृत्व में बजरंग नाट्य कला रामलीला मंडल के तत्वावधान में जनसहयोग से आयोजित 10 दिवसीय रामलीला मंचन का आयोजन आयोजित किया जा रहा है। रामलीला के मंचन से इन दिनों पूरा गांव अयोध्या धाम बना हुआ है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब रामलीला के मंचन को देखने के लिए उमड़ रहा है। सभी राम नाम की भक्ति सरिता में डुबकीयां लगा रहे हैं। रामलीला मंचन के पांचवें दिन रविवार को रानी केकई ने मंथरा के कहेनुसार राजा दशरथ से दो वरदान मांगे जिसमें एक तो भगवान श्री राम को 14 वर्ष के लिए वनवास और दूसरा वरदान धर्म के प्रतिक भरत जी को अयोध्या का राजा बनाने के जैसे ही राजा दशरथ सुनते ही पुत्र मोह में आकर मुर्छित होकर जमीन पर गिर पड़े और विलाप करने लगे।

राजा दशरथ को याद आई युवावस्था में शिकार खेलने के वक्त श्रवण कुमार के अंधे माता पिता को प्यास लगने पर सरोवर में पानी भरने गया उसी दौरान पानी की आवाज को सुनकर शिकार समझकर राजा दशरथ ने शब्द भेदी बाण चला दिया, जिससे श्रवण के बाण लगने से प्राण पखेरू उड़ गए। जब देखा तो शिकार नहीं बल्कि श्रवण कुमार था। श्रवण कुमार के बुढ़े अंधे माता पिता ने भी हाय श्रवण हाय श्रवण करते हुए दोनों ने प्राण त्याग दिए। माता पिता ने राजा दशरथ को भी आक्रोश में आकर श्राप दे दिया कि आज हम हाय श्रवण हाय श्रवण करते हुए प्राण त्याग रहे हैं उसी तरह तुम भी चार - चार पुत्र होते हुए भी तुम्हारे पास एक भी पुत्र नहीं रहेगा और हाय राम हाय राम करते हुए मरोगे। शिकार केवट मल्लाह द्वारा भगवान श्री राम को अपनी नाव में बिठाकर गंगा के उस पार उतारा , राजा दशरथ का राम के वियोग में प्राण त्याग प्रसंग पर नाट्य रूपांतरण बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया।

रामलीला मंचन के प्रारंभ में मुख्य अतिथि राजू पाटीदार, अशोक मंडावरा द्वारा श्री रामायण ग्रंथ को दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर आरती कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आमंत्रित अतिथियों का रामलीला मंचन समिति के पदाधिकारीयों द्वारा स्वागत किया गया। भगवान श्री राम के 14 वर्ष के लिए वनवास का करुणामय प्रसंग की स्वचलित प्रस्तुति पर रामलीला मैदान में उपस्थित श्रद्धालुओं में उदासी छा गई। श्री राम, सीता और लक्ष्मण राज वेश छोड कर वनवासी वस्त्र धारण कर पिता की आज्ञा को शिरोधार्य करते हुए वन के लिए निकल पड़े। कल दिवस मंगलवार को रामलीला मंच पर श्री राम और हनुमान का मिलन, बाली और सुग्रीव युद् - चीताखेड़ा में आयोजित 10 दिवस या रामलीला मंचन के कल सातवें दिन मंगलवार को रात्रि 9:00 बजे रामलीला के रंग मंच पर रामलीला के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा शानदार नाट्य रूपांतरण में भगवान श्री राम का शबरी कुटिया प्रवेश शबरी को दर्शन, नवदा भक्ति शबरी को ग्रहण करवाएंगे, ऋषि मुक्त पर्वत पर भगवान श्री राम का हनुमान से मिलन, बाली और सुग्रीव दोनों भाइयों के बीच महायुद्ध, भगवान राम के बाणों से बाली का वध सहित कई प्रसंगों का रुपांतरण किया जाएगा।

रामलीला मंडल समिति के पदाधिकारीयों ने क्षेत्र की समस्त धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध किया है कि निर्धारित समय पर बजरंग मंदिर पर आयोजित रामलीला के मंचन में पहुंचकर धर्म लाभ लें।

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