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दिन दुखियों की सेवा के बिना सच्चा सुख नहीं मिलता है-साध्वी सुचिता श्रीजी मसा, महावीर जिनालय में साध्वी सोम्यरेखा की निश्रा में धर्म आगम पर्व तप साधना प्रवाहित

Neemuch headlines October 18, 2024, 6:16 pm Technology

नीमच । दीन दुखियों की सेवा करने से पाप कर्मों का विनाश हो जाता है और पुण्य कर्म बढ़ जाता है। दुःखी प्रजा की सहायता करना प्रत्येक राजा का कर्तव्य होता है। दीन दुःखी की सेवा में जो सुख मिलता है वह संसार में कहीं और नहीं मिलता है दिन दुःखी की सेवा करने में ही सच्चा संतोष मिलता है। यह बात साध्वी सोम्यरेखा श्री जी महाराज साहब की सुशिष्या साध्वी सुचिता श्रीजी मसा ने कही। वे जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट विकास नगर श्री संघ के तत्वाधान में श्री महावीर जिनालय आराधना भवन नीमच में धर्म आगम पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित धर्म सभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राणी के दुख दूर होना चाहिए।

जीव दया हमारा कर्तव्य होता है इसका पालन सभी को करना चाहिए। पत्नी और संतान प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है इनका पालन पोषण सभी को करना चाहिए। भूख से उदासी बढ़ती है इसलिए कोई भी भूखा व्यक्ति दिखे तो उसको भोजन अवश्य करना चाहिए। सत्य सदैव विजय होता है असत्य सदेव पराजित होता है। प्रत्येक दुःखी व्यक्ति की सहायता करना राजा का कर्तव्य होता है। इसका पालन सभी राजा को करना चाहिए। चाहे कितनी भी गरीबी आ जाए परिवार के कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और परिवार के साथ सदैव रहना चाहिए। राजा दुखियों की सेवा सहायता करता है वह कभी स्वयं दुखी नहीं होता है। कभी-कभी हमारे पुराने जन्म के कर्मों का फल भी हमें इस जन्म में मिलता है और हमें दुखों का सामना हंसकर करना चाहिए दुखी नहीं होना चाहिए। धैर्य पूर्वक दुखों का सामना करना चाहिए क्योंकि वह इस जन्म के दुख नहीं है पिछले जन्म के दुख होते हैं इसलिए हमें सदैव सजग होकर पुण्य कर्म करते रहना चाहिए पुण्य कर्म बढ़ेंगे तो दुःख कम हो जाते हैं।

इस वर्षावास में सागर समुदाय वर्तिनी सरल स्वभावी दीर्घ संयमी प.पू. शील रेखा श्री जी म.सा. की सुशिष्या प.पू. सौम्य रेखा श्री जी म सा, प.पू. सूचिता श्री जी म सा, प.पू. सत्वरेखा श्री जी म साआदि ठाणा 3 का चातुर्मासिक तपस्या उपवास जप व विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ हो गया है श्री संघ अध्यक्ष राकेश आंचलिया जैन, सचिव राजेंद्र बंबोरिया ने बताया कि प्रतिदिन 9 बजे चातुर्मास में धार्मिक विषयों पर विशेष अमृत प्रवचन श्रृंखला का आयोजन हो रहा है। समस्त समाज जनअधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेवें एवं जिन शासन की शोभा बढ़ावे।

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