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विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने लिया यू-टर्न, देर रात अपना इस्तीफा लिया वापस , कहा – ‘आक्रोश में उठाया गया कदम’

Neemuch headlines October 11, 2024, 9:35 am Technology

सागर। जिले के देवरी विधानसभा से भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया, जिन्होनें पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली से नाराज होकर इस्तीफा पेश किया था, अब उन्होंने देर रात अपना इस्तीफा वापस भी ले लिया है। जानकारी के अनुसार उन्होंने इस मामले पर कहा है कि यह कदम आक्रोश में उठाया गया था और अब इस्तीफे का कोई विषय नहीं है। इसके साथ ही, बृज बिहारी पटेरिया ने संगठन और मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया है। दरअसल विधायक बृज बिहारी पटेरिया केसली थाना क्षेत्र में सर्पदंश से हुई एक व्यक्ति की मौत के मामले में पीड़ित परिवार की तरफ से डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक परिवार ने आरोप लगाया था कि डॉक्टर ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सर्पदंश की पुष्टि के लिए 40,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।

वहीं इस जानकारी के आधार पर मृतक के परिवार को सरकार की ओर से 4 लाख रुपये की सहायता राशि मिलती। वहीं जब पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में देरी की, तो विधायक ने नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा पेश कर दिया था और थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे। पुलिस की कार्यवाही और विधायक का यू-टर्न: वहीं अब देर रात पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं इसके बाद, विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने अपना यह धरना खत्म कर दिया है और अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया। दरअसल इस दौरान उन्होंने कहा है कि, “यह कदम आक्रोश में लिया गया था, अब इस्तीफे का कोई विषय नहीं है।

संगठन और सरकार मेरे साथ हैं, और मैं मुख्यमंत्री जी के आदेशों का पालन करूंगा।” दरअसल इस पूरे घटनाक्रम के बाद भाजपा प्रदेश प्रभारी आशीष अग्रवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने इस्तीफा वापस ले लिया है। इसके साथ ही उन्होंने संगठन और सरकार के प्रति विश्वास जताया और आश्वासन दिया कि मामले में दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया दरअसल गोपाल भार्गव ने जिले के उच्च अधिकारियों से इसे लेकर संपर्क किया है और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के कड़े निर्देश भी दिए है। जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा इस प्रकार की रिश्वतखोरी और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। दरअसल गोपाल भार्गव द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया है और कहा गया है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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