भोपाल। आज यानी 2 अक्टूबर 2024 से देशभर की पेसा ग्राम पंचायतों में “सबकी योजना – सबका विकास” अभियान की शुरुआत की जा रही है। दरअसल इस उद्देश्य है कि पेसा ग्राम पंचायतों को स्थानीय जरूरतों के मुताबिक विकास योजनाएं बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए प्रेरित किया जाए।
जानकारी के अनुसार आदिवासी क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, पेसा अधिनियम के तहत यह महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। दरअसल इस महा अभियान के अंतर्गत, देश की आदिवासी पंचायतें समावेशी विकास योजनाओं का निर्माण करेंगी। वहीं इसके अलावा, केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय पेसा अधिनियम के सुचारू कार्यान्वयन के लिए “Center of Excellence” स्थापित करने की दिशा में भी काम कर रहा है, जिसके चलते इसे केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में स्थापित करने की भी योजना बनाई गई है। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण दरअसल केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने इसे लेकर पेसा के सफल कार्यान्वयन के लिए महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी सक्रिय भागीदारी को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। दरअसल उन्होंने बताया कि “आदिवासी समुदायों का विकास तभी संभव है जब उन्हें बुनियादी सुविधाओं के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मिले।” इसके साथ ही, ‘आदिवासी समुदायों को उनके पारंपरिक अधिकारों की सुरक्षा के साथ विकास की मुख्यधारा से जोड़ना आवश्यक है।’ ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दी अहम जानकारी वहीं जानकारी देते हुए पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया है कि राज्य के 20 जिलों में 5,133 ग्राम पंचायतें हैं, जो की 11,596 गांवों को पेसा क्षेत्र में शामिल करती हैं।
जानकारी के अनुसार इनमें अलीराजपुर, झाबुआ, मंडला, बड़वानी, अनूपपुर और डिंडोरी जिले पूर्ण पेसा जिले के रूप में वर्गीकृत हैं, जबकि बालाघाट, बैतूल, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा जैसे अन्य जिले आंशिक पेसा जिलों में शामिल हैं। वहीं इसके साथ मंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पेसा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में प्रगति की जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव का संदेश वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दौरान सभी ग्रामवासियों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करने का आग्रह किया है। जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा कि पंचायतें लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे सशक्त इकाई हैं, और “सबकी योजना – सबका विकास” अभियान के जरिए गांवों का विकास सुनिश्चित होगा।