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बजट 2025 की तैयारी हुई शुरू, वित्त मंत्रालय ने विभागों से इस तारीख तक आवंटन को लेकर मांगे सुझाव, पढ़ें यह खबर।

Neemuch headlines September 24, 2024, 8:02 pm Technology

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार, जो जुलाई 2024 में चुनाव जीतने के बाद अपना पहला पूर्ण बजट प्रस्तुत कर चुकी है, वहीं अब आगामी वित्तीय वर्ष यानी 2025-26 के लिए इन नीतियों को अपना अंतिम रूप देने में जुट गई है।

जानकारी दे दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना आठवां बजट पेश करेंगी। ऐसे इसकी तैयारियां वित्त मंत्रालय द्वारा जोरों शोरों से की जा रही है। दरअसल वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर 2024 में बजट तैयारियों को शुरू करते हुए अब सभी मंत्रालयों और विभागों को अपने बजट संबंधी सुझाव और आंकड़े जमा करने के निर्देश दिए है। जानकारी के मुताबिक इसके लिए एक सर्कुलर भी जारी किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि सभी मंत्रालय और विभाग 7 को अक्टूबर 2024 तक अपने बजट डेटा को यूनियन बजट इंफॉर्मेशन सिस्टम (UBIS) पर अपलोड करना होगा।

इस राज्य में स्थित है मंदिरों का शहर, नक्काशी और मूर्तियां मोह लेती है मन इस राज्य में स्थित है मंदिरों का शहर, नक्काशी और मूर्तियां मोह लेती है मन अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में प्री-बजट मीटिंग्स वहीं वित्त मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस बजट प्रक्रिया के तहत अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में प्री-बजट मीटिंग्स भी आयोजित की जाने वाली है। जानकारी के अनुसार इन बैठकों की अध्यक्षता वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के सचिव द्वार की जाएगी। वहीं इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य मंत्रालय और विभाग द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की जरूरतों और प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से पेश करना होगा। जानकारी के अनुसार इसके आधार पर ही वित्तीय आवंटन का निर्धारण किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आठवां बजट होगा दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत की पहली वित्त मंत्री बन गई हैं,

जो लगातार आठवीं बार बजट प्रस्तुत करने जा रही हैं। वहीं बता दें कि उनके द्वारा यह बजट 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाएगा। दरअसल यह बजट वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार की आर्थिक और विकास संबंधी प्राथमिकताओं को लोगों के सामने उजागर करेगा। वहीं इस बजट का महत्व इस कारण भी अधिक बढ़ गया है, क्योंकि यह 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल का अंतिम वर्ष है, जिसके बाद नए आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार आर्थिक नीतियों का निर्धारण किया जाएगा।

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