पिपलियामंडी का स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं से महरूम, मरीज बेहाल

निखिल सोनी August 16, 2025, 7:41 am Technology

पिपलियामंडी। लाखों-करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हुआ पिपलियामंडी का समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज सिर्फ नाम का अस्पताल बनकर रह गया है। जिस उद्देश्य से इसे बनाया गया था, वह पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। अस्पताल में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं, न विशेषज्ञ चिकित्सक, और न ही जांच (डायग्नॉस्टिक) की कोई सुविधा मौजूद है।

मरीजों की मजबूरी — सीधा मंदसौर रेफर :-

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी कोई इमरजेंसी केस आता है, तो डॉक्टर की अनुपस्थिति या संसाधनों की कमी के कारण मरीजों को सीधे मंदसौर रेफर कर दिया जाता है। इससे समय बर्बाद होता है और कई गंभीर मरीजों की हालत बिगड़ जाती है। कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां रेफर के दौरान मरीज ने रास्ते में दम तोड़ दिया।

करोड़ों का खर्च, लेकिन नतीजा शून्य :-

सूत्रों के अनुसार, इस अस्पताल के निर्माण और उपकरणों की व्यवस्था पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन आज तक यहां न एक्स-रे मशीन है न ही लैब टेस्ट में मूलभूत सुविधा उपलब्ध है। नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय की संख्या भी जरूरत से कम है। जिसकी वजह से स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन से अच्छे खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि इतने बड़े अस्पताल का फायदा तभी होगा, जब यहां स्थायी डॉक्टर, जांच सुविधा, 24 घंटे इमरजेंसी सेवा और पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था हो। जनता ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि पिपलियामंडी स्वास्थ्य केंद्र को जल्द से जल्द पूरी तरह कार्यशील बनाया जाए, ताकि लोगों को इलाज के लिए भटकना न पड़े।

सरकार से आम जनता के सवाल :-

1. करोड़ों का अस्पताल बना, लेकिन सुविधाएं कहां हैं ?

2. मरीजों को मंदसौर भेजने से क्या पिपलियामंडी के लोगों की जान सुरक्षित है ?

3. क्या स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कागज़ी कार्यवाही में सक्रिय है ? जब तक इन सवालों का जवाब नहीं मिलता और अस्पताल की हालत नहीं सुधरती, तब तक पिपलियामंडी के लोग मजबूरी में अपने स्वास्थ्य के लिए संघर्ष करते रहेंगे। क्षेत्र की ऐसी ही गंभीर समस्याओं की जानकारी के लिए पढ़ते रहे नीमच हेडलाइंस।

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