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तपस्या जैन भवन में आगम वाचना आचार्य श्री जिन सुंदर सूरीश्वर जी महाराज साहब की निश्रा में हो रही है, मृत्यु शाश्वत सत्य है

Neemuch headlines September 19, 2024, 7:05 pm Technology

नीमच। संसार में रहते हुए व्यापार आदि में व्यक्ति झूठ बोलकर पाप कर्म बढ़ा लेता है। पाप कर्मों से बचने के लिए व्यक्ति को प्रायश्चित भक्ति तपस्या साधु संतों की सेवा जीव दया व पुण्य परमार्थ के सेवा कार्यों से जुड़ना चाहिए ताकि पाप कर्मों की निर्जरा हो सके। मृत्यु शाश्वत सत्य है इसलिए सदैव पुण्य कर्म करते रहना चाहिए। यह बात आचार्य जिन सुंदर सुरी जी महाराज ने कहीं। वे जैन श्वेतांबर श्री भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर श्री संघ ट्रस्ट पुस्तक बाजार के तत्वावधान में मिडिल स्कूल मैदान स्थित जैन भवन में 45 धर्म आगम पर्व पर 15 दिवसीय श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि चोरी के अपराध की सजा भी नरक ही मिलती है।

अहिंसा ब्रह्मचर्य पारिगृह त्याग का पालन करने से पुण्य बढ़ता है। पाप कर्म करने से भयंकर वेदना मिलती है। पूज्य आचार्य भगवंत श्री जिनसुंदर सुरिजी मसा, धर्म बोधी सुरी श्री जी महाराज आदि ठाणा 8 का सानिध्य मिला। प्रवचन एवं धर्मसभा हुई। प्रतिदिन सुबह 9 बजे प्रवचन करने के व साध्वी वृंद के दर्शन वंदन का लाभ नीमच नगर वासियों को मिला प्रवचन का धर्म लाभ लिया।

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