नीमच। मध्य प्रदेश के नीमच जिले में ग्रामीणों द्वारा चीता प्रोजेक्ट और जल विद्युत परियोजना के खिलाफ विरोध किया जा रहा है। इसका मुख्य कारण वन विभाग द्वारा चरनोई की जमीनें हथियाने और जल विद्युत परियोजना के तहत किसानों की ज़मीनें प्रशासन द्वारा बिना सहमति के अधिग्रहित करना है।
बता दें कि ये दोनों प्रोजेक्ट केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार की टॉप प्रायरिटी में शामिल है। ग्रामीणों की मांग है कि तत्कालीन कलेक्टर दिनेश जैन पर FIR हो। साथ ही वह अपनी 16 मांगों के निराकरण के लिए आमरण अनशन बैठे हुए हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर भी असर देखने को मिल रहा है। निकाली बाइक रैली मानसा में सर्वसमाज के बैनर तले ग्रामीणों ने बाइक रैली भी निकाली। इस दौरान उन्होंने जिला पंचायत सदस्य आर सागर कछावा के साथ एसडीएम ऑफिस जाकर ज्ञापन सौंपा। मांगें पूरी न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इन परियोजनाओं से उनकी आजीविका पर गहरा असर देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से पशुपालकों पर, जिनकी चरनोई की भूमि सीमित हो गई है, जिससे पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया है। SDM ने दी ये जानकारी आमरण अनशनकर्ता आर सागर कछावा ने बताया कि मनासा ब्लाक की अंतिम सीमा की चरनोई की जमीन 3-3 किलोमीटर तक हथियाकर बाडाबंदी कर दी, इससे पशु चारे का संकट उत्पन्न हो गया है।
पशुपालकों के रोजगार पर संकट मंडराने लगा है। वहीं, खीमला ब्लाक में जल विद्युत परियोजना के नाम पर गरीब किसानों की जमीने उनकी स्वीकृति के बिना हथिया ली गई। वहीं, एसडीएम पवन बारिया का कहना है कि जो समस्याएं स्थानीय स्तर पर हल हो सकती है, उनपर कार्य किया जा रहा है। साथ ही, अन्य मुद्दों को भोपाल भेजा गया है। इसके अलावा, आमरण अनशन पर बैठे व्यक्तियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया जा रहा है।