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सत्य ओर संग आत्मा का परमात्मा से मिलन का सुलभ मार्ग - भागवताचार्य ओमप्रकाश वैष्णव

दिलीप पाटीदार August 18, 2024, 2:09 pm Technology

जावी में पांच दिवसीय झूला महोत्सव में संगीतमयी नानीबाई रो मायरो का शुभारंभ जावी। इस संसार रूपी महासागर में मनुष्य काम, क्रोध, मोह, माया, आडम्बर, अहंकार द्वेष, ईर्ष्या आदि में उलझ गया है। मनुष्य अपनी इच्छाओं, जिज्ञासाओं व लालसाओं के फेर में इतना उलझ चुका है कि उसके पास मंदिर जाकर देव दर्शन व सुमिरन का समय ही नही है। इसलिए समय समय पर सत्य ओर संग व कथाओं के माध्यम से प्रभु भक्ति की ओर अग्रसर करने के लिये संत समाज व भागवताचार्य सतत प्रयासरत है सत्य और संग ही आत्मा से परमात्मा के मिलन का सुलभ मार्ग है। आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता की चकाचौंध में इतना खो चुकी है कि वह मंदिर जाना व पारम्परिक रीति रिवाज से दूर होने लगी है युवा पीढ़ी को धर्मिक आयोजनों में बढ़चढ़कर योगदान करना। उक्त विचार श्री चारभुजा बड़ा मंदिर पर रक्षाबंधन के पावन अवसर पर झूला महोत्सव पर आयोजित संगीतमयी नानीबाई रो मायरो में कथा प्रवक्ता पं. ओमप्रकाश वैष्णव, चित्रकूट धाम आश्रम हतुनिया (निलियाँ) ने व्यक्त किए। नानीबाई रो मायरो का प्रथम दिवस मंगलाचरण व हरि नाम संकीर्तन से शुभारंभ हुआ भक्त शिरोमणि नरसिंह मेहता के जन्म का वृतांत सुनाते हुए श्री वैष्णव ने बताया कि नरसी जन्म से सुन ओर बोल नही सकते थे इस व्यथा से परिवार दुखी व परेशान था एक दिन उनके पुण्य का उदय हुआ और नरसी मेहता के यहां संतों का आगमन हुआ और नरसी मेहता की बूढ़ी माताजी ने बड़ी विनम्रता से संतश्री को अपनी पीड़ा सुनाई ओर उनसे आशीर्वाद मांगा उसके फलस्वरूप नरसी मेहता सुनने और बोलने लगे और वे श्रीकृष्ण की अनन्य भक्ति में लीन हो गए। श्री वैष्णव के सुमधुर भजनों में सांवरिया लागी लगन मत तोड़ना...., मारने वाला है भगवान, बचाने वाला जे भगवान... मुझे लागी लगन प्रभु भक्ति की.... सहित अनेक भजनों से पूरा पांडाल भक्तिमय हो गया। भक्त और भगवान और सांवरिया सेठ के जयकारों से पूरा पांडाल गुंजायमान हो गया। नानीबाई रो मायरो में जावी सहित आसपास अंचल के अनेक भक्तजन, माताएं, बहिनें कथा पांडाल में उपस्थित थे।

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