इंदौर। सिंधी भाषा के प्रचार प्रसार के साथ-साथ सिंधी भाषा और सिंधी संस्कृति से समाजजनो को जोड़े रखने एवं आज की डिजिटल दुनिया मे समाज के युवाओं को अपनी भाषा और संस्कृति से जोड़े रखने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद पूरे देश मे आयोजन करती है।
उसी कड़ी में सिंध के अंतिम सम्राट बलिदानी सिंधुपति सम्राट राजा दाहिरसेन के 1302 वें बलिदान दिवस पर इंदौर शहर में दिनांक 16 जून 2024, रविवार को खंडवा रोड स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय सभागृह में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, इनोवेटिव सोसायटी फॉर पीपल्स, अवेयरनेस एवं केयर एंड एजुकेशन समिति इंदौर के सयुक्त तत्वावधान में "मंथन" सेमिनार एवं सिंधी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण, के साथ सिंधी लोक गीत/लाडो पर लोक नृत्य के साथ-साथ भव्य सिंधी नाटक का मंचन आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य एवं कार्यक्रम संयोजक मनीष देवनानी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि बलिदानी सिंधुपति सम्राट महाराजा दाहिर सेन की स्मृति दिवस के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, अजमेर, राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष मोहन मंगनानी बेंगलूर, परिषद के निदेशक रवि टेकचंदानी दिल्ली का विशेष रूप से इंदौर आगमन हुआ और देश मे सबसे अधिक रिकार्ड तोड वोटो से जीतकर कीर्तिमान बनाने वाले, पूरे देश विदेश में सिंधी समाज के गौरव इंदौर शहर के सांसद शंकर लालवानी आईपीएस अमित तोलानी के साथ आयोजन में सम्मलित हुए।
नमोश तलरेजा एवं विनीता मोटलानी ने बताया कि आयोजन का शुभारंभ दोपहर को "मंथन" सेमिनार कार्यक्रम से हुआ। सेमिनार में ईश्वर झामनानी इंदौर, विजय कोटवानी पुणे, श्रीमती ऋतु भटिया अहमदाबाद, लोकेंद्र फतनानी नीमच, श्रीमती नादिया मसंद इंदौर व श्रीमती कविता इसरानी भोपाल ने अपने-अपने वक्तव्य दिए।
उक्त "मंथन" सेमिनार पश्चात मुंबई की मशहूर सिंधु सखा संगम संस्था के कलाकारों तथा निर्देशक जूही तेजवानी एवं लेखक निखिल राजपाल द्वारा लिखित "ओह मुहींजा झूलेलाल" सिंधी नाटक का मंचन किया गया एवं सुजाग संगम के कलाकारों द्वारा सिंधी लोकगीतों की मधुर प्रस्तुतियां दी गई। साथ ही आयोजन समापन पूर्व सिंधु शोध पीठ में सिंधी एम.ए. के पहले सेमेस्टर में पास विद्यार्थियों का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आमंत्रित अतिथियों द्वारा सर्व प्रथम इष्टदेव भगवान झूलेलाल के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में अतिथियों ने उपस्थित समाज जनो को संबोधित करते हुए अपने अपने विचार व्यक्त किए। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपने संबोधन में 4 सूत्र बताते हुए कहा कि- सुबह-सुबह घरों में सिंधी गीत,संगीत व भजनों प्रतिदिन चलते रहना चाहिए। सिंधी साहित्यिक, सामाजिक, धार्मिक मैगजीन-अखबार टेबल पर रहना चाहिए । सिंधी व्यंजन प्रतिदिन घर में बनते रहने एवं रोज पूरे परिवार के एक साथ भोजन करने के 4 मूल मंत्र अगर सिंधी समाज के परिवारों ने अपना लिए तो अपनी सिंधी भाषा, संस्कृति और विरासत कभी लुप्त नही हो सकती। सांसद शंकर लालवानी ने संस्कृति और भाषा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि - संस्कृति और भाषा से होती है, समाज की पहचान और आज की युवा पीढ़ी को सामाजिक संस्कार के साथ साथ समाज की संस्कृति और भाषा से रूबरू कराने के लिए ऐसे आयोजन आवश्यक होते है और जितना हम अपनी मीठी भाषा से जुड़ेंगे उतना भाषा का और संस्कृति का विकास होगा।
डॉ. रवि प्रकाश टेकचंदानी एवं मोहन मांगवानी ने भी सिंधी भाषा, संस्कृति और भाषा का समाज में महत्व बताते हुए अपने विचार व्यक्त किये। संस्था के आयोजनकर्ता द्वारा आयोजन के दौरान मंचासिन सभी आमंत्रित अतिथियों एवं वक्ताओं को मोतियों की माला पहनाकर, शाल ओढ़ाकर, श्रीफल, स्मृति चिन्ह व गुलदस्ता भेंट कर सम्मान किया। श्री देवनानी, अजमेर के निरंतर पांच वीं बार विजयी श्री प्राप्त कर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष बनने व प्रथम बार इंदौर आगमन पर एवं सिंधी समाज के गौरव शंकर लालवानी को रिकार्ड तोड़ मतों से विजयी होकर पुन: सांसद बनने पर दोनो आंगतुकों का सामूहिक होकर पुष्प माला से विशेष सम्मान किया। सिंधी लोक गीत/लाडो पर प्रस्तुत लोक नृत्य एवं सिंधी नाटक "ओह मुहिंजा झूलेलाल" के कलाकारों ने खूब तालियां बटोरी। उपस्थित जन समूह ने आयोजन की भरपूर प्रसंशा की।
सामूहिक स्व भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती कविता इसरानी (भोपाल) ने किया एवं आभार जवाहर मंगवानी ने माना।