12 ज्‍योतिर्लिंग में शामिल है केदारनाथ मंदिर, यहां पांडवों को मिला था भगवान शिव का आशीर्वाद

Neemuch headlines March 8, 2024, 3:09 pm Technology

12 ज्‍योतिर्लिंग में शामिल है केदारनाथ मंदिर, यहां पांडवों को मिला था भगवान शिव का आशीर्वाद केदारनाथ मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जागरण संवाददाता, देहरादून। केदारनाथ मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसी मान्‍यता है कि यहां पांडवों को भगवान शिव का आशीर्वाद मिला था। इसके बाद पांडवों को भ्रातृहत्या के पाप से मुक्ति मिल गई थी।

आइए आपको केदारनाथ मंदिर से जुड़ी रोचक बातें बतातें हैं।

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद जिले में स्थित है। यह समुद्रतल से 3593 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ एक भव्य एवं विशाल मंदिर है। केदारनाथ द्वादश (12वां) ज्योतिर्लिंग है।

यह केदारनाथ धाम की कथा:-

केदारनाथ देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। कथा के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद पांडव भ्रातृहत्या के पाप से मुक्ति पाना चाहते थे। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को महादेव का आशीर्वाद लेने की सलाह दी इसके लिए पांडव भगवान शिव की नगरी काशी पहुंचे। केदारनाथ में शिव ने धारण किया बैल का रूप भगवान शिव पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे, इसलिए वह हिमालय में गुप्तकाशी में छिप गए।

पांडव यह जान चुके थे, इसलिए भगवान पांडव के गुप्तकाशी पहुंचने से पहले ही केदारनाथ पहुंच गए। यहां बैल का रूप धारण कर वह अन्य पशुओं में शामिल हो गए। शिव रूपी बैल भीम के पैरों के नीचे से नहीं गुजरे पांडवों को संदेह हुआ तो भीम ने अपना विशाल रूप धारण कर दो पहाड़ों पर अपने पैर फैला दिए। पैर के नीचे से अन्य सब गाय-बैल तो निकल गए, पर भगवान शिव रूपी बैल पैरों के नीचे से नहीं गए। भोलेनाथ ने दर्शन देकर पांडव को किया पाप मुक्त इस पर भीम बैल पर झपटे तो बैल भूमि में अंतर्ध्‍यान होने लगा। तब भीम ने बैल की त्रिकोणात्मक पीठ का भाग पकड़ लिया।

भोलेनाथ पांडवों की भक्ति और दृढ़ संकल्प से प्रसन्न हुए और दर्शन देकर उन्हें पाप मुक्त कर दिया। तभी से भगवान बैल की पीठ की आकृति-पिंड के रूप में केदारनाथ में पूजे जाते हैं। अंतर्ध्‍यान होते समय भगवान के धड़ से ऊपर का हिस्सा काठमांडू में प्रकट हुआ। वहां वह पशुपतिनाथ कहलाए।

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