ग्वालियर। अब पार्टी ने मेरे आराध्य प्रभु श्री राम का ही विरोध कर दिया तो ऐसी जगह रहने का क्या मतलब है। 48 साल पुराने नेता, पूर्व पार्षद आनंद शर्मा ने छोड़ी कांग्रेस ग्वालियर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व पार्षद, जिला उपाध्यक्ष आनंद शर्मा ने आज पार्टी छोड़ दी , उन्होंने अपना इस्तीफा जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा को भेज दिया, उन्होंने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से साझा किये अपने इस्तीफे के साथ कहा कि वे इंदिरा जी के समय कांग्रेस में आये और उन्हीं की नीतियों को अपनाकर पार्टी की सेवा की , राजीव गाँधी के आदर्शों को अपनाकर पार्टी को आगे बढ़ाया लेकिन अब ये संभव नहीं है क्यों कि आज की कांग्रेस वो पहले वाली कांग्रेस नहीं है।
उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे मौके आये जब मुझे अपमानित महसूस हुआ लेकिन मैंने पार्टी में रहकर उसे स्वीकार किया मुझे प्रदेश नेतृत्व ने महामंत्री बनाया लेकिन एक दिन बाद ही पार्टी के विधायक के दबाव में हटा दिया, मैं पार्टी का जिला प्रवक्ता था लेकिन जिला अध्यक्ष ने अधिकार नहीं होने के बाद भी मुझे पद से हटा दिया फिर भी मैंने इन फैसलों को स्वीकार किया लेकिन अब पानी सिर से ऊपर चला गया है। पार्टी के फैसले के बाद मुझे अजीब से बेचैनी रही कि मैं किन लोगों के साथ हूँ अब मेरी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मेरे आराध्य प्रभु श्री राम का ही अपमान कर दिया, पार्टी ने राम मंदिर कार्यक्रम के आमंत्रण को अस्वीकार कर करोड़ों सनातनियों का अपमान कर दिया, आनंद शर्मा ने कहा कि जिस दिन से पार्टी का ये फैसला आया उस दिन से मैं सो नहीं पाया, मुझे अजीब सी बेचैनी हुई कि मैं किन लोगों के साथ हूँ जो मेरे प्रभु का ही सम्मान नहीं कर सकते मैं उनके साथ कैसे रह सकता हूँ इसलिए मैंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।
सिंधिया के समय भी कांग्रेस ने छोड़ी थी, कई जिम्मेदारियों को निभाया आपको बता दें कि आनंद शर्मा कांग्रेस के सक्रिय नेता रहे हैं, कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास लोगों में इनकी गिनती होती थी लेकिन जब सिंधिया ने पार्टी छोड़ी तब भी खुद को कांग्रेस का सच्चा सिपाही कहते हुए पार्टी में ही रहे, वे जिला सरकार मेवं चेयरमेन रहे , तीन बार पार्षद रहे, लंबे समय पर पार्टी के जिला प्रवक्ता रहे, जिला महामंत्री रहे, प्रदेश महामंत्री रहे लेकिन पार्टी नेतृत्व के फैसले से आहत होकर आनंद शर्मा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया है ।