जम्मू कश्मीर । और लद्दाख में कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक के साथ ही दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। यह चिंता लद्दाख और वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क अनिवार्य करने के आदेशों से भी झलकती थी। हालांकि जम्मू कश्मीर में नए वेरिएंट के मामले 20 से ज्यादा नहीं हैं पर लद्दाख में 11 मामलों ने ही प्रशासन को मजबूर कर दिया कि वह अभी से कोरोना से निपटने के प्रबंध आरंभ कर दे। यही कारण था कि उसने कोरोना से बचने के लिए पहले कदम के तौर पर लद्दाख में मास्क अनिवार्य कर दिया है।
साथ ही आने वालों की टेस्टिंग अनिवार्य बनाने के लिए टेस्टिंग केंद्रों की स्थापना भी युद्धस्तर पर की जाने लगी है। कुछ ऐसा ही आलम वैष्णो देवी की उस यात्रा का है जहां साल के आखिरी दिन 60 हजार से अधिक लोग जुटे थे और उन्होंने प्रशासन की एक सप्ताह पहले दी गई सलाह की धज्जियां उड़ाई थीं जिसमें कहा गया था कि कोरोना के नए खतरे को देखते हुए यात्रा में शिरकत करने वालों को मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। अब जबकि प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले बढ़ने लगे हैं प्रशासन ने वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होने वालों के लिए मास्क अनिवार्य तो किया है पर भीड़ में इस आदेश का कोई असर नजर नहीं दिख रहा था। जानकारी के लिए तीन वर्ष पहले कोरोना के कारण वर्ष 2020 में वैष्णो देवी यात्रा 5 माह तक बंद रही थी और अब एक बार फिर कोरोना की दस्तक के कारण कोई और नहीं बल्कि कटड़ा के वे व्यापारी जरूर दहशत में हैं जिन्हें यात्रा में होने वाली वृद्धि कुछ आस देने लगी थी।