Latest News

अष्टमी को, जान लें पूजा की विधि, मुहूर्त और महत्व

Neemuch headlines October 22, 2023, 8:25 am Technology

धार्मिक मान्यताओं में अष्टमी विशेष महत्व व मानी जाती है और इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। अष्टमी पर ही माता दुर्गा जी ने चंड-मुंड नामक राक्षसों का संहार किया था। नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं।

आज दुर्गा मैया के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाएगी। 22 अक्टूबर को यानी आज शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं में अष्टमी विशेष महत्व वाली मानी जाती है और आज के दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। अष्टमी पर ही माता दुर्गा जी ने चंड-मुंड का संहार किया था।

आइए जानते हैं शारदीय नवरात्र की अष्टमी पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में:-

इस साल 22 अक्टूबर के दिन शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पड़ रही है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर की रात 09 बजकर 54 मिनट से होगी, जिसका समापन 22 अक्टूबर के दिन रात 07 बजकर 57 मिनट पर जाएगा।

अष्टमी पूजन मुहूर्त:-

सुबह सुबह 07.51 से सुबह 10.42 तक दोपहर दोपहर 01.30 से दोपहर 02.54 तक शाम शाम 05.46 से रात 08.55 तक संधि पूजा- रात 07:35 से रात 08.21 तक पूजा-

विधि:-

1- सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर साफ करें।

2- दुर्गा माता का गंगाजल से अभिषेक करें।

3- मैया को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें।

4- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक लगाएं।

5- प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।

6- घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं

7- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें

8- फिर पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रख माता की आरती करें।

9 अंत में क्षमा प्रार्थना करें।

नवरात्रि अष्टमी महत्व:-

मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि की अष्टमी तिथि विशेष रूप से फलदायी मानी जाती हैं। अष्टमी के दिन ही माता दुर्गा ने चंड- मुंड नामक दैत्यों का वध किया था। वहीं, अगर आपने 9 दोनों का व्रत नहीं रखा है तो अष्टमी पर व्रत रख सकते हैं। अष्टमी के दिन व्रत रखने और माता की आराधना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

Related Post