नीमच। म.प्र. विद्युत मण्डल पेंशनर कल्याण संघ एवं युनाईटेड फोरम का एकसूत्रीय धरना प्रदर्शन गोविन्दपुरा भोपाल में 10 सितम्बर को आयोजित किया गया जिसमें नीमच से 5 सदस्यों ने भाग लिया।
धरना प्रदर्षन का मूल आधार कम्पनियों में विष्वास का अभाव एवं षासन एवं कम्पनियों द्वारा माह सितम्बर 2022 में 52 हजार पेंषनर्स को पेंशन राशि को 10-12 दिन बाद भुगतान करना षासन व कम्पनियों की नीयत दर्षाती है, जबकि उक्त पेंषन की राषि कम्पनियों द्वारा उपभोक्ताओं से वसूल की जा चुकी थी उक्त जानकारी प्रदेश के महामंत्री पी. एस. साहू एवं उपसचिव काषीराम बोरीवाल ने देते हुए बताया कि षासन एवं प्रबंधन से मांग में प्रमुख रूप से पेंषन की राषि प्रतिवर्ष कम्पनियों द्वारा टैरिफ याचिका में मांगी जाती हैं एवं नियामक आयोग द्वारा उक्त सम्पूर्ण राषि टेरिफ आदेष में पास की जाती है तो पेंशन समय पर क्यों नहीं दी गई, इसकी जांच कराई जाये। म.प्र. में भी म.प्र. राज्य वि.मं. के अधिकारियों/कर्मचारियों की पेंषन उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार टेजरी से प्रदान की जाये। इस प्रक्रिया में षासन पर किसी भी प्रकार का आर्थिक भार नहीं आयेगा क्योंकि यह राषि वार्षिक टैरिफ आदेषानुसार उपभोक्ताओं से वसूल की जायेगी, जिसे प्रबंधन द्वारा मासिक / वार्षिक आधार पर एक निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत ट्रेजरी में जमा कराया जायेगा।
वर्तमान में षासन वितरण कम्पनियों को सब्सिडी के रूप में लगभग 24000 करोड रू प्रदान करती है, यदि कभी वितरण कम्पनियों पेंषन हेतु वसूल की गई राषि ट्रेजरी में जमा नहीं करती हैं तो शासन सब्सिडी की ये राषि काट सकती है। इसलिए यह सही है कि षासन पर पेंषन का कोई भार नहीं पडेगा। वर्तमान में पेंषन का कुल भार 2100 करोड रूपए वार्षिक है जो अधिकतम 3000 करोड रू. वार्षिक तक जा सकता है। इस प्रकार की प्रक्रिया से प्रबंधन द्वारा राषि का दुरूपयोग रूकेगा एवं वर्तमान में 52000 पेंषनर्स एवं 15000 कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों की पेंषन (जो 4-5 वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होंगे) की सुनिष्चित व्यवस्था हो सकेगी। इस प्रक्रिया से लगभग 67000 परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो पायेगा।