नष्ट होती फसलों से किसानों का बढ़ हा दर्द, कर्जतले डूब रहे, बिना सर्वे के फसलों में हुए नुकसान का बीमा और मुआवजा राशि तत्काल दें, पढे दशरथ माली की खबर.

Neemuch headlines September 4, 2023, 4:56 pm Technology

चीताखेड़ा। बारिश के अभाव में किसानों के चेहरे पर मायूसी छाने लगी, मौसम बरसात का लेकिन बारिश नहीं होने से उमस भरी गर्मी से आमजन खासा परेशान है। वर्तमान में केवल आसमान में बदल दिख रहे हैं जबकि अच्छी बरसात नहीं होने से फसल नष्ट हो रही है, किसान कर्ज तले डूब रहे । खरीफ के साथ-साथ रबी फसल पर भी संकट मंडराने लगा है। जीरन तहसील क्षेत्र में किसानों की उम्मीद टूटी हुई दिखाई दे रही है, और किसानों को सोयाबीन की फसल का खर्चा कर्ज में जाता हुआ दिखाई दे रहा है।

मानसून सीजन का तीसरा महौना खत्म होने को आया, लेकिन क्षेत्र में इस वक्त सूखा पड़ा हुआ है। फसलों में 65 से 85% तक नुकसान हो चुका है। ऐसी स्थिति में जल्द ही शासन द्वारा फसलों का सर्वे करवाकर किसानों को बीमा एवं राहत राशि प्रदान करने की मांग उठने लगी है। सावन भादो का महीना बारिश के लिए होता है, लेकिन बारिश नहीं होने से क्षेत्र के किसानों की फसलें नष्ट होती नजर आ रही, जिससे फसले जहां मुरझाई वहीं किसानों के चेहरे पर संकट के बादल छा गए हैं। सोयाबीन, मक्का, मूंग, तिल, मूंगफली आदि फसले नष्ट हो रही है, जिसके कारण किसानों का सिर दर्द बढ़ गया है। खरीफ फसले तो नष्ट हुई, रबी फसले भी नहीं हो पाएगी पैदा अगले दो-चार दिनों में मानसून सिस्टम प्रभावित नहीं होता है, और बारिश नहीं होती है तो खरीफ फसले पूरी तरह नष्ट हो जाएगी, इसी के साथ रबी सीजन की फसलों की संभावना भी खत्म हो जाएगी, क्योंकि इस वर्ष और सबसे बहुत ही कम बारिश हुई, जिसके कारण जल स्तर भी सुधार नहीं हुआ और कुएं नदी तालाब सूखे पड़े हुए हैं इसके चलते किसानों के लिए परेशानी का दौर चल रहा है, साथ ही मौसम विभाग की बात माने इस वर्ष अल्प वर्षा के संकेत दिए जा रहे हैं।

और आज की फसलों को पानी चाहिए तब तक बारिश नहीं हुई तो जिसके चलते अगली फसलों का क्या होगा। तहसील मुख्यालय पर आक्रोशित किसानों ने लगाएं शिवराज सिंह मुर्दाबाद के नारों के साथ दिया ज्ञापन तहसील क्षेत्र में अल्प वर्षा के चलते सोयाबीन, मक्का, मूंगफली व अन्य फसले चौपट हो गई है, कुएं, नदी-नाले, तालाब व डेम अभी भी सूखे पड़े हैं। बारिश की लंबी खेंच के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है। किसानों की चिंता सबसे अधिक बढ़ गई है, ऐसे में भारतीय किसान यूनियन (भारत) ने किसानों के साथ सोमवार को तहसील कार्यालय का घेराव करते हुए तहसील क्षेत्र को सूखा घोषित करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया , और अधिकारियों को सुखी हुई फसलों के साथ किसानों ने राहत की मांग करते हुए सुखी सोयाबीन को तहसील कार्यालय द्वार पर आग के हवाले कर होली जलाई शिवराज सिंह मुर्दाबाद हम हमारा हक मांगते नहीं किसी से भिख मांगते.. किसान यूनियन जिंदाबाद....... के नारे लगाते हुए किसानों ने अपना आक्रोश प्रकट किया किसानों को बगैर सर्वे मुआवजा तथा फसल बीमा राशि की मांग को लेकर सोमवार को किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह जाट के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम गिरदावर योगेश चोपड़ा को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों को बगैर सर्वे के पर्याप्त मुआवजा राशि देने की मांग के साथ ही लिखा की तहसील में अल्प वर्षा व फसलों पर इल्लियों के प्रकोप एवं पीला मोजेक वायरस से फसलों में 100% नुकसान हो गया है। मंहगा बीज व खाद के साथ ही फसलों पर इल्लियों के बचाव हेतु कीटनाशक का भी छिड़काव किया लेकिन फायदा कुछ भी नहीं मिला है। ज्ञापन में कहा गया कि गत वर्ष से भी सामान्य से कम वर्षा हुई है और सितंबर माह भी आधा होने को आया है, यानी की वर्षा काल का समय पूरा हो चुका है।

वही आने वाले समय में सुखे जल स्रोतों को देख अभी से ही जल संकट की स्थिति बन गई है। ऐसे में सूखाग्रस्त पूरी जीरन तहसील को घोषित करने की मांग की गई है। अभी तक शासन प्रशासन स्तर पर इसके लिए कोई पहल नहीं की गई है। दिन का तापमान 33 से 34 डिग्री तक पहुंच गया है तो रात को 23 डिग्री तापमान हो गया है। वहीं बढ़ते तापमान के कारण तहसील क्षेत्र में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ की फसले सूखने की अंतिम कगार पर पहुंच गई है। ज्ञापन का वाचन मंडलम अध्यक्ष राकेश मेरावत ने किया। इस दौरान दिलीप भाणेज, चांदमल राजोरा, सत्यनारायण गुर्जर देवियां ग्वाल, दशरथ माली चीताखेड़ा, राकेश पाटीदार, सुरेश जारेरिया, श्याम गुर्जर, प्रकाश बैरागी, बंटी जाट, टीपू जाट राधेश्याम, यशवंत सगवारिया, विनोद राठौर, श्रीमती संपत बाई, प्यार चंद अहिरवार, भारतसिंह नयाखेड़ा, दशरथ छाछखेडी, गोविंद, गोपाल फोटो, राजकुमार सगरानी, प्रमोद मेरावत, रामप्रसाद जाट, सत्यनारायण भाणेज, धर्मसिंह जाट जिला किसान उपाध्यक्ष, संदीप जाट, पुष्कर जाट, रामप्रसाद नेहरा, सत्तू पाटीदार, सहित बड़ी संख्या में हरवार, जीरन, नयाखेड़ा, चीताखेड़ा, धोकलखेडा, परासली, सकरानी, वरखेडा, कुंचडीद, दलपतपुरा, कराड़िया महाराज, हरनावदा सहित कई ग्रामों के किसान व कांग्रेसजन मौजूद थे। इसी के साथ बिजली विभाग द्वारा की गई कटौती को लेकर आक्रोशित किसानों ने बिजली कार्यालय का घेराव कर पुराने बिजली सेड्यूल के अनुसार ही बिजली वितरण की जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।

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