पेड़ को बचाने वाले 363 लोगों का सर हुआ था कलम, जिसमे इतनी महिलाओ ने भी दिया था बलिदान

Neemuch headlines August 28, 2023, 11:18 am Technology

नीमच। मानस शासकीय रामचंद्र विश्वनाथ महाविद्यालय परिसर में पर्यावरण पर प्रकृति वंटन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास कार्यक्रम के एमएसडब्ल्यू के सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं एनजीओ संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ प्रहलाद धनगर ,लक्ष्मी नारायण मेघवाल, अतुल मालवीय, लोकेश पाटीदार के साथ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के जिला संयोजक देवेंद्र प्रजापति ने पेड़ का पूजन कर प्रकृति वंदन किया इस अवसर पर श्री प्रजापति ने पर्यावरण की सबसे मार्मिक घटना पर उद्बोधन देते हुए कहा कि यह घटना राजस्थान के जोधपुर के खेजड़ली गांव की है।

मेवाड़ रियासत के महाराजा अभय सिंह ने नवीन राज भवन का निर्माण करवा रहे थे, उन्हें बड़ी मात्रा में लकड़ी की आवश्यकता पड़ी, राज्य के मंत्री को लकड़ी की व्यवस्था की जिम्मेदारी सोप ,मंत्री सैनिकों के साथ लकड़ी खोजते हुए खेजड़ली गांव पहुंचे वहां बड़ी मात्रा में वृक्ष थे उन्हें काटना प्रारंभ किया, वहां निवास करने वाली अमृत बिश्नोई ने पेड़ काटने का विरोध किया और कहा कि पेड़ हमारे देवता है पेड़ को हम राखी बांधते हैं मैं पेड़ काटने नहीं दूंगी और दोनों हाथों से पेड़ के तने को पकड़ कर पेड़ से लिपट गई ,सैनिकों ने अमृत बिश्नोई का सर कलम कर दिया फिर अमृत बिश्नोई की तीनों बेटियां पेड़ को बचाने के लिए पेड़ के तने से लिपट गई सैनिकों ने उन तीनों का सर कलम कर दिया यह घटना की जानकारी जैसे ही गांव में वह आसपास के गांव में फैली तो वहां के लोग पेड़ को बचाने के लिए आए और पेड़ों से लिपट गए ,सैनिकों ने पेड़ को बचाने वाले 363 लोगों का सर कलम कर दिया जिसमें से 71 महिलाएं थी, यह घटना की सूचना जब राजा तक पहुंची तो राजा ने घोषणा की आज के बाद इस राज्य में कभी खेजड़ी के पेड़ नहीं काटे जाएंगे प्रकृति के पर्यावरण को बचाने की यह सबसे बड़ी मार्मिक घटना थी। वर्तमान में भी प्रकृति का पर्यावरण तीव्र गति से बिगड़ रहा है जिसके कारण अनेकों महामारियां, आपदाएं व बाड़े आ रही है, हमें चाहिए कि हम अपने-अपने क्षेत्र में वृक्षों का जाल बिछाए अपने जन्मदिन पर वृक्ष लगाए ,अपने घरों को हरा भरा बनाएं, जल का संरक्षण करें ,पक्षियों को दाना पानी रखें जिससे कि इस पर्यावरण संतुलन में हमारी भूमिका बड़े ,पर्यावरण संरक्षण हमारे दैनिक जीवन के आचरण का हिस्सा बने और समाज में पर्यावरण के प्रति सकारात्मक परिवर्तन आए।

इस अवसर पर अतुल मालवीय, मांगीलाल मेघवाल ,रामप्रसाद धनगर, लोकेश पाटीदार ,लक्ष्मी नारायण मेघवाल ,कुसुम मालवीय, मीनाक्षी कीर, अनुराधा धनगर, दौलत लोहार ,समीर मंसूरी,ओर विवेकानंद युवा मंडल के सदस्य उपस्थित थे कार्यक्रम का आभार प्रकट प्रहलाद धनगर ने किया।

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