नीमच| रतनगढ में हुआ हर एवं हरी का मिलन, शिव महापुराण कथा में पहुंची कृष्ण भक्ति स्नेह यात्रा वनवासी परिवारों में जाकर दिया सामाजिक समरसता का संदेश नीमच | म.प्र.जन अभियान परिषद की स्नेह यात्रा पंचम दिवस में जावद विकासखण्ड के डिकेन से प्रारंभ हुई। मुख्य अतिथि इस्कॉन के स्वामी श्री मुरारी हरीदास प्रभुजी, यात्रा के प्रमुख संत इस्कॉन के श्र. सीतानाथ प्रभुजी, मुरारी हरीदास प्रभुजी, अमृत कृष्ण प्रभुजी, रघुनाथ प्रसाद प्रभु एवं अन्य विशिष्ट संतजनों द्वारा विभिन्न ग्रामों में यात्रा कर रक्षासूत्र बांधे अपने आर्शीवचन प्रदान दिए एवं संकीर्तन, सत्संग किेये।
रतनगढ में आयोजित शिव महापुराण कथा आयोजन में कृष्ण भक्तिमय स्नेह यात्रा पहुंची जहां हर अर्थात शिव और हरी अर्थात कृष्ण के पूज्यनीय संतो और भक्तों का मिलन हुआ एवं भक्तजनों को दोहरा धर्मलाभ हुआ। संतों ने अपने प्रवचन में जीवन के बारे में विस्तार से बताया एवं सत्संग को अपनाने का आव्हान किया तथा समानता, सदभाव बनाये रखने एवं सनातनी बने रहने की अपील की।यात्रा के दौरान सीतानाथ प्रभु, मुरारी हरिदास प्रभु, अमृत प्रभु, रघवदास प्रभु ने ग्राम में वनवासी समाज के घरों में जाकर उनसे भेट की और उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर गीता पुस्तक भेट की। और वनवासी परिवारों में जाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। प्रथम खंड में यात्रा डीकेन, जेतपुरा, पाडलिया, रतनगढ उमर पहुंची जहां संत्संग एवं कीर्तन कर दोपहर सहभोज एवं विश्राम किया गया। द्वितीय खंड में यात्रा जेतलिया, बाणदा, डाबी, जगपुर, बोराकुडी पहुंची जहां जनसंवाद, शांतिपाठ एवं रात्री सहभोज व रात्री विश्राम हुआ। प्रात: के समय में ग्रामवासियों को योगासन भी करवाया गया। यात्रा में गायत्री परिवार बालकृष्ण सोलंकी, मनोहर लाल भारद्वाज पतंजलि समिति योग प्रभारी कमलाशंकर भट्ट, जिला योग प्रभारी एवं जिला समन्वयक शबनम खान जिला नीमच का विशेष सहयोग रहा साथ ही इस्कॉन, गायत्री परिवार, पतंजिल योग समिति, योग आयोग, श्रीरामचंद्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान, नवांकुर एवं प्रस्फुटन प्रतिनिधी, परामर्शदाता सीएमसीएलडीपी स्टूडेंटस, सामाजिक कार्यकर्ता श्री कुलदीप शर्मा, शंभुदयाल पुरोहित, सुमंत पुरोहित, गोपाल कृष्णा शर्मा, पं.श्रवण कुमार शास्त्री, रूद्र देव जी त्रिपाठी, पं. शैलेन्द्र कुमार शर्मा सहित प्रत्येक ग्राम में बडी संख्या में सभी वर्ग, धर्म, संप्रदाय के अनुयायी एवं ग्रामवासियों ने उपस्थित होकर महाराज जी का आर्शीवाद लिया।