इन्द्रिय विषय खाज रोग के समान है, इन्द्रियो पर विजय ही मोक्ष का मार्ग है-मुनिश्री सुप्रभ सागर

प्रदीप जैन June 17, 2023, 7:44 pm Technology

सिंगोली। अर्थ और काम पुरुषार्थ को नियंत्रित करने के लिए इन्द्रियों और मन को वस मे रखना अनिवार्य है।

मन कि चन्चलता से इन्द्रियां अपने विषयों कि ओर दोडती है यह बात धार्मिक नगरी झांतला मे विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से शिक्षा प्राप्त व वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने शनिवार को प्रातः काल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही ओर बताया कि इन्द्रिय विषय खाज रोग के समान है जो खुजलाने पर बढता जाता है उसी प्रकार इन्द्रिय विषय एक बार भोगने के बाद उन्हे भोगने कि इच्छा बढती जाती है सांप का डसा तो एक जीवन मे ही दुःख पाता है पर इन्द्रिय विषय रुपी सर्प का डसा भव भव मे दुःख प्राप्त करता है एक एक इन्द्रिय के भोगो के कारण हाथी मछ्ली भोरा पतंगा ओर हिरण दुःख प्राप्त करते हैं तो जो मानव पांचों इंद्रियों के भोगो मे लगा हुआ है उसकी क्या गति होगी कहा नही सकता आज कि युवा पीढ़ी रसना इन्द्रियों के कारण भक्ष्या भक्ष्य के विवेक से रहीत हो नही खाने योग फास्ट फूड का सेवन कर अपने स्वास्थ्य ओर धर्म संस्कृति को विक्रत कर रही हैं विदेशी खानपान को अपनाकर जीवन को विष मय बना रहे हैं। भारतीय संस्कृति ओर धर्म ही जीवन मे सुख शान्ति को दे सकता है आज पश्चिम के लोग भी स्वीकार कर रहे हैं इसलिए सबको अपनी संस्कृति व धर्म कि रक्षा के लिए संकल्पबद्ध होना चाहिए । गुरूदेव ने कहा की इन्द्रियो पर विजय ही मोक्ष का मार्ग है।

धर्म सभा के दौरान समाज के सभी समाजजन उपस्थित थे।

Related Post