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ज्ञान सागर जी महाराज का 50 वा समाधि दिवस बडे धूमधाम के साथ मनाया

प्रदीप जैन May 19, 2023, 9:29 pm Technology

सिंगोली। जीवन में ज्ञानार्जन करने के बाद उसका प्रयोग करने वाला ही पूज्ज पद को प्राप्त करता है ज्ञानार्जन के साथ चरित्र का ग्रहण विरल लोग करते हैं ज्ञान का अहंकार त्याग करने के साथ संसार की सुख सुविधा का त्याग करना कठिन कार्य है यह बात नगर के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से शिक्षा प्राप्त वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के 50 वे समाधि दिवस पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा आचार्य ज्ञानसागर जी ने अपने जीवन के पूर्वार्ध मैं जो ज्ञानार्जन पढ़ने और करवाने में व्यतित किया और उत्तरार्ध मैं चारित्र को ग्रहण कर ज्ञान को मूर्त रूप देने का पुरुषार्थ किया वे जीवन में अंत तक ज्ञान देने में तत्पर रहें उन्होंने अपने जीवन के अंतिम समय में ब्रह्मचारी विद्याधर को ऐसा तराश दिया कि वे आज आचार्य श्री विद्यासागर जी के नाम से दिगम्बरत्व ध्वजा को देश के कोने कोने लहरा रहे है आचार्य ज्ञानसागर जी ज्ञान के साथ चारित्र को उज्जवलता प्रदान करने वाले विरले विद्वानों में से एक थे आपके द्वारा रचा गया संस्कृत साहित्य उच्च स्तरीय संस्कृत महाकाव्य की कोटी मे रखा जाता है आपके साहित्य को पढ़कर आज के विद्वान आपको कवि कालिदास से भी उत्कृष्ट मानते हैं वही मुनिश्री के सानिध्य मे प्रातः काल श्री जी का अभिषेक शान्तिधारा व आचार्य श्री ज्ञान सागर जी कि सभी समाजजन ने भक्ति भाव से पुजन विधान किया इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित थे।

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