अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते गरीबों के हक का निवाला डकार गए राशन दुकान संचालक

प्रदीप जैन February 16, 2023, 8:00 pm Technology

तहसील क्षेत्र की अंबा ताल शेहणातलाई राशन दुकानों में बड़ा राशन घोटाला उजागर होकर आया सामने, जांच के बाद दोषियों पर हुई सिंगोली थाने पर प्राथमि

सिंगोली। तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताल के ग्रामीण क्षेत्र अंबा शेहणातलाई और ताल में संचालित राशन दुकानों से गरीबों को मिलने वाले राशन में बड़ा घोटाला उजागर होकर सामने आया है जहां पर शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर तैनात कर्मचारियों द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते राशन की कालाबाजारी करते हुए उसे ऊंचे दामों में बेचा गया है मामले का खुलासा तब हुआ जबी ग्रामीणों ने राशन नहीं मिलने और राशन की कालाबाजारी होने की शिकायत से विकास यात्रा के दौरान कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को अवगत कराया शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री सकलेचा ने तुरंत उच्च अधिकारियों को जांच के आदेश दिए जांच अधिकारियों द्वारा की गई जांच में तीनों ही संचालित राशन दुकानों मैं स्टॉक के मान से मौके पर जांच मैं बड़ी मात्रा में गरीबों को वितरण होने वाले गेहूं चावल नमक शक्कर केरोसिन राशन दुकानों पर कम पाया गया मिली जानकारी के अनुसार कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी जितेंद्र नागर द्वारा की गई जांच में सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताल के अंतर्गत संचालित होने वाली शासकीय उचित मूल्य की दुकान आंबा मैं 3734 किलो गेहूं 3145 किलो चावल 29 किलो शक्कर तथा 3 किलो नमक की मात्रा कम पाई गई वही शासकीय उचित मूल्य दुकान ताल की जांच में 5952 किलो गेहूं 177 किलो चावल 78 किलो नमक 1 किलो शक्कर 162 लीटर केरोसिन कम मात्रा में पाया गया तथा शासकीय उचित मूल्य दुकान शेहणातलाई की जांच में 2509 किलो गेहूं की मात्रा कम पाई गई जिस पर कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी जितेंद्र नागर ने दुकान संचालकों पप्पूलाल पिता चुन्नीलाल बंजारा निवासी ताल राजमल पिता चुन्नीलाल बंजारा निवासी ताल के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत पुलिस थाना सिंगोली पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है लेकिन बताया जा रहा है कि जिम्मेदारों द्वारा उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। यूरिया खाद वितरण को लेकर भी चर्चाओं में बनी रहती है

सेवा सहकारी समिति ताल :-

सूत्रों की माने तो प्रतिवर्ष शासन द्वारा प्राथमिक कृषि साख से किसानों को वितरण होने वाले यूरिया खाद को लेकर भी सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताल चर्चाओं में बनी रहती है जहां पर किसानों को समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं होता है और होता भी है तो उन लोगों को जो अत्यधिक दाम कालाबाजारी के जरिए जिम्मेदारों को पहुंचाते हैं जीने आवश्यकता से ज्यादा यूरिया खाद के बैग उपलब्ध हो जाते हैं और बाकी किसानों को यूरिया खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है और उन्हें ऊंचे दामों पर बाजारों से यूरिया खरीदना पड़ता है।

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