नीमच। पांच साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को ठीक रखने के उद्देश्य से शुरू हुआ दस्तक अभियान 15 मार्च तक सतत जारी रहेगा। अभियान में एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का संयुक्त दल पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर बीमारियों की पहचान कर रहा है। पहचान करने के साथ ही इन बच्चों का उचित उपचार करवाना भी सुनिश्चित किया जा रहा है। अभियान की अवधि में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा अभियान भी संचालित किया जाएगा। इस पखवाड़े के तहत छोटे बच्चों में होने वाले दस्त रोग की पहचान, प्रबंधन और उपचार के विषय में लोगों को जानकारी दी जाएगी। बच्चों में होने वाले निमोनिया की त्वरित पहचान करने, प्रबंधन करने और रेफरल के विषय में भी परिवारों को जागरूक किया जाएगा।
दस्तक अभियान में गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान और प्रबंधन की जानकारी लोगों को दी जा रही है। स्वास्थ्यकर्मी 09 माह से पांच वर्ष तक के बच्चों का डिजिटल हिमोग्लोबिन मीटर के उपयोग से गंभीर एनीमिया अर्थात खून की कमी की स्क्रीनिंग कर उसका प्रबंधन कर रहे हैं। बच्चों में दस्त की रोकथाम के लिए ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति सामुदायिक जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। जिन घरों में पांच वर्ष तक की आयु के बच्चे हैं, वहां ओआरएस पैकेट वितरण किए जा रहे हैं। नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन का घोल पिलाया जा रहा है। इस दौरान डीपीओ अर्चना राठौड़ ने जानकारी देते ने बताया कि पोषण दिवस के अवसर पर विटामिन ए का अनुकरण किया जाता और पिछले अभियान में जो बच्चे वंचित रहे उनका फॉलोअप लेकर उनका हिमोग्लोबिन टेस्ट किया जाता है। डीपीओ द्वारा बताया गया कि आज मंगलवार के दिन नीमच में तीन सेक्शन में हमारे द्वारा निरीक्षण भी किया गया..।
इस अवसर पर रेवली देवली स्वास्थ्य केंद्र के एनम भावना धाकड, आशा कार्यकर्ता कविता प्रजापति, सहित समाजसेवी मेनारिया उपस्थित थे।