संसाधनों के कारण हम आत्म शक्ति भुल गये--श्री अमीपुर्णा श्री जी

विनोद पोरवाल February 3, 2023, 9:45 am Technology

कुकड़ेश्वर। स्वर के बिना संगीत नहीं बनता दूध के बिना नवनीत नहीं बनता ये चिंतन मनन का दौर चल रहा है और यदिआत्मा का चिंतन व्यक्ति कर लेता है तो ध्यान योग हो जाता है।परमात्मा का वास व्यक्ति के हृदय में होता है राम कृष्ण बुद्ध की शक्ति हमारेअंदर छिपी हुई है और इस शक्ति को हमने भुला दिया है।

उक्त बात नियमित के प्रवचनों के दौरान आराधना भवन में विराजित श्री अमीपूर्णा श्री जी मा. सा. ने धर्म सभा में कहते हुए बताया कि आज के भौतिक संसाधनों में हम आत्मा की शक्ति को भुला बैठे हैं कितने ही पुरुषार्थ के पश्चात हमें मानव भव मिला अच्छा कुल अच्छा परिवार मिला माता पिता हमारे भगवान हैं सुबह उठकर मां सरस्वती को याद करें कि वह हमें सद्बुद्धि दे महालक्ष्मी को याद करें लक्ष्मी का भण्डार भरा रहें अपने फरमाया कि जीवन में जो बोले अच्छा बोले जो हम बोल रहे हैं वह कभी भी लौट कर वापस आ सकता है

दूसरों के लिए अच्छा सोचोगे अपना भी अच्छा होगा दुखी को भूखे को भोजन कराने से आत्म शांति का अनुभव होता और भाव भरा आशीर्वाद मिलता है दान हमेशा गुप्त करना चाहिए ढिंढोरा नहीं पीटना आपने बताया कि अच्छा दोगे अच्छा मिलेगा ज्ञान धर्म की पुस्तकों का नियमित अध्ययन करना चाहिए नियमित स्वाध्याय हमारी आत्मा को कुंदन बनाती है।

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