नीमच जिले की शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं कई सवाल! कार्य पालिकाओं पर लग रहे हैं, प्रश्नवाचक चिन्ह...?
आखिर कौन देगा इसका जवाब ?
नीमच की जनता के साथ हो रहा है सौतेला व्यवहार..? नीमच। स्वच्छ भारत अभियान ग्रीन नीमच-क्लीन नीमच के उपदेश देने वाली लाइन दीवारों पर चिपकाए गए फ्लेक्स पोस्टर और लिखी गई लाइने सिर्फ एक जुमला बनकर रह गई है! सुचारू रूप से कार्य करती नहीं दिख रही है, कार्यपालिका। सीएम के आने पर नीमच शहर की समस्याओं से सीएम को अवगत कराने वाले जागरूक नागरिकों ने एमपीबी हाउसिंग बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, पुलिस विभाग, कलेक्टर विभाग, जिला चिकित्सालय एवं अन्य कई कार्यपालिकाओं के भ्रष्ट पदाधिकारियों की आधारमय सूची बना कर भ्रष्ट कर्मचारियों को पद से हटाने की मांग को लेकर पूरी तैयारियां कर रखी थी। साथ ही निठल्ले और भ्रष्ट लापरवाह सत्ता धारियों की सूचियां भी सलग्न कर कुल मिलाकर भाजपा शासन में बेखोफ बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को देख पूरे दमखम के साथ भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठानी चाही परंतु सीएम का दौरे निरस्त होने से पानी फिर गया। अब आगामी सीएम हाउस भोपाल की दौड़ में पूर्व में जिस प्रकार से 40 नंबर (फोर जीरो) से लेकर कमल चौक तक व्यवसायों को बेदखल कर, उस स्थान को वाहन पार्किंग फुटपात का नाम दिए जाने के बाद जिस प्रकार पूरे शहर को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया था, वही अंडल - मंडल - चंद - कमंडल और चंद पार्षद एवं शहर के कुछ रसूखदार के इर्द-गिर्द घूमने वाले अम्मचे-चम्मचे ने उनकी शह पर पुनः अतिक्रमण कर शहर की फिजा बिगाड़ दी हैं। वैसे समय-समय पर नीमच शहर के जागरूक व्यक्तियों द्वारा नीमच शहर की हर समस्याओं के लिए संबंधित विभाग को अवगत कराया जाता रहा है एवं समय-समय पर शिकायत भी की जाती रही है, परंतु स्थिति ज्यों की त्यों बरकरार है। इससे यह सामने आया है कि कार्यपालिकाओं में नियमित रूप से काम करने वालों के काम में टांग लड़ाई जाती है और इसी के चलते विभाग में बैठे भ्रष्टाचारियों द्वारा भी सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्ध किया जाता हैं और इसमें वह लोग भी शामिल है जो जन समस्या और समाज सेवा करने का दावा करते हैं तथा अपने आप को समाज सेवक होने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। कई शिकायत जनसुनवाई एवं सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्राथमिकता से की जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होना और मामले को संज्ञान में लेते हुए विभाग द्वारा आदेश भी पारित किए जाने के बाद आदेशों का पालन न हो कर सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाना। मौके पर स्थिति ज्यों की त्यों बरकरार रहना इस बात को दर्शाता है की बढ़ावा देने में हमारे यहां के जनप्रतिनिधियो का बहुत बड़ा योगदान है।
क्योंकि जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन यह दोनों ही मुहिम हमारे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ही चलाई गई है।परंतु नियमो को दर किनार कर रखा हे कार्यपालिकाओ द्वारा बेखौफ खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है एवं सीएम द्वारा चलाई गई मुहिम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। आज पूर्व में लंबे समय से अपना व्यवसाय कर परिवार का भरण पोषण करने वाले व्यवसायों को 40 नंबर फोर जीरो से लेकर कमल चौक तक जिनको बेदखल किए गए थे, आज उनकी जगह नए नए व्यवसायियों द्वारा अतिक्रमण कर अपना कब्जा कायम कर रखा है।
इसी प्रकार महू-नीमच राज्य मार्ग पर भी दुकानदारों ने अपने दुकान के बाहर 15 से 20 फीट के लगभग अवैध अतिक्रमण कर व्यवसाय जमा रखा है।जिनको पूर्व में नोटिस भी दिए गए थे इसके अलावा तिलक मार्ग, मूलचंद मार्ग, टैगोर मार्ग, जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने, शोरूम चौराहा, रोडवेज बस स्टैंड, सिटी रोड, जिला चिकित्सालय एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण कर अतिक्रमण कर्ताओं ने अपना पांव पसार रखा है। शहर की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
वर्तमान में आए दिन नई-नई जगह ठेला घुमटीयां रखे जा रहे हैं। हाल ही में 8 , 10 दिनों में गायत्री प्लाईवुड एवं रिया फर्नीचर के जस्ट सामने गायत्री ट्रेवल्स की लाइन में एक अवैध रूप से घूमटी रखी गई हैं।
चर्चाओं में यह भी सामने आया है कि नपा के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पूर्व में एक बार पहले भी अतिक्रमण करता द्वारा प्रयास किए जाने पर इसको यहां से हटाया गया था, परंतु दोबारा फिर पूरी योजनाबद्ध तरीके से संबंधित विभाग से सांठगांठ कर चंद राजनीतिक और रसूखदारों का संरक्षण लेकर उसी स्थान पर अपना अतिक्रमण कर कब्जा जमा लिया है और यही कारण है कि नीमच शहर की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं एवं प्रश्नवाचक चिन्ह लग रहा है। उसमे शासन और प्रशासन ही पर्याय है। यह तो वही कहावत हुई है कि अंधा बांटे रेवड़ी अपने अपने को दे...!
नीमच शहर के सभी बेरोजगार जिनको अपने व्यवसाय से बेदखल किया गया एवं जो अपना छोटा बड़ा व्यवसाय कर परिवार का भरण पोषण करना चाहते हैं, वह भी संबंधित विभाग से अनुमति लेकर जहां व्यवसाय के लिए उच्च स्थान लगे अपना व्यवसाय कर सकते हे क्योंकि इस प्रकार का पक्षपात एवं नीमच की जनता के साथ सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। और मीडिया भी सत्यता को स्वीकार कर आमजन की आवाज को उठाएं या तो संबंधित कार्यपालिका अपने कार्य के प्रति निष्ठावान रहते है हुए कार्य करें। अपने कार्य में दखल अंदाजी करने वालों की ऊपर तक शिकायत करें मीडिया के माध्यम से सफेद पोश काले कारनामे वालो का चेहरा जनता के बीच रखे या फिर अपने पद से इस्तीफा दे क्यों की इस प्रकार का कु शासन आने वाले समय में आकाओं के लिए बड़ी दाहिनी स्थिति पैदा कर सक्ति हे।