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स्वर्ग से ज्यादा अमृत मय है श्रीमद् भागवत -पं. भीमाशंकर शास्त्री

दुर्गाशंकर लाला भट्ट January 24, 2023, 5:52 pm Technology

जीरन। जीरन तहसील मुख्यालय के पास स्थित गांव पिराना की पावन धरा पर आयोजित सप्ताहिक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवचन में कथा मर्मज्ञ पंडित भीमाशंकर शास्त्री धरियाखेड़ी के मुखारविंद से भक्तों का श्रीमद् भागवत में अभिभूत होकर धर्म ज्ञान गंगा में डुबकियां सब अद्भुत चल रहा है। वहीं दूसरी ओर देवनारायण मंदिर पर शिखर कलश प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु चल रहे यज्ञ मंत्रोंच्चार की ध्वनि चारों और स्वर लहरियां गूंज रही। ग्रामीण श्रद्धालुओं का कथा के प्रति जज्बा इतना देखने को मिल रहा है कि शीतलहर कोहरा बनकर आई और उनके मन के साथ तन को भी पवित्र कर रही है। माहौल इतना भक्ति में देखने को मिल रहा है कि पूरे पूरे गांव में सुनाई दे रहा है तो कृष्ण भजनों का स्वर और दिखाई दे रहे है तो झूमते श्रद्धालु कथा मर्मज्ञ पंडित भीमाशंकर शास्त्री दरिया खेड़ी के मुखारविंद से भक्तिमय वाणी से अमृत में कथा प्रवाहित दिवस 23जनवरी सोमवार से गांव पीराना में विद्यालय परिसर में ग्राम वासियों के सहयोग से सप्ताहिक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवचन प्रवाहित किए जा रहे हैं। श्रीमद् भागवत के महत्व को समझाते हुए श्री पंडित शास्त्री ने बताया कि स्वर्ग से ज्यादा अमृतमय में श्रीमद्भागवत शास्त्र हैं। सारे ग्रंथों का समावेश ही श्रीमद्भागवत हैं। स्वर्ग का अमृत मिला तो मरने के बाद भी मुक्ति के लिए भटकना पड़ेगा और श्रीमद्भागवत का अमृत मिला तो मुक्ति शीघ्र मिलेगी। श्रीमद् भागवत पारस मणि है जो भाग्यवान होते हैं उन्हें ही भागवत कथा श्रवण नसीब होती हैं। अभिमानी व्यक्ति को कभी भी परमात्मा की भक्ति प्राप्त नहीं हो सकती। अभिमान ही व्यक्ति के पतन का कारण है। कथा मर्मज्ञ पंडित भीमाशंकर शास्त्री अपने मुखारविंद से पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का रसास्वादन करवाते हुए कहा कि प्रभु के नाम की महिमा का विशद वर्णन समस्त धर्म ग्रंथों ,शास्त्रों ,वेदों, उपनिषदों और पुराणों में है। कलयुग में भवसागर से पार होने के लिए नारायण का नाम ही नर के लिए एकमात्र नौका है। यह पावन नाम अत्यंत कल्याणकारी, पाप नाशक ,दुख नाशक, सुखदायक, पुण्य दायक ,आनंददायक और मोक्ष दायक हैं। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के प्रथम दिवस सोमवार को प्रातः देवनारायण मंदिर से डीजे ढोल धमाकों के साथ भव्य कलश यात्रा प्रारंभ हुई जो गांव के मुख्य मार्गो से परिभ्रमण करती हुई कथा पंडाल पहुंची। जहां प्रकाश गुर्जर द्वारा श्रीमद् भागवत पोथी शिरोधार्य कर चल रहे थे। कथा के प्रारंभ में किशन लाल गुर्जर मदन लाल गुर्जर प्यार चंद गुर्जर जगदीश चंद गुर्जर द्वारा मुखी अजमानी के रूप में पोती पूजन कर आरती की गई जिसके बाद कथा श्रवण का दौर प्रारंभ हुआ। प्रथम दिन ही कथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्र एवं दूर-दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

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