भगवान वामन अवतार और कृष्ण जन्म का सजीव प्रसंग पर चर्चा।
सरवानिया महाराज। समुद्र मंथन से नो रत्नों के साथ मदीरा हलाहल भी निकली। आज उस शराब का चलन कई परिवारों को बर्बादी की कगार पर ले आया है। जिस परिवार मे शराब का पीने पिलाने का काम होता है उस परिवार से लक्ष्मी का रुठना निश्चित है। शराबी के परिवार की महिलाएं घरों का संचालन कर रही है उनकी परेशानी भरी जिंदगी नर्क के समान हो गई है। यह बात बुधवार को चोथे दिवस की कथा के दौरान ग्राम रुपपूरा के समीप माता रंकावली मे ख्यातनाम संत अनुजदास महाराज ने कही। संत श्री ने कहा कि आज शराब बंदी की आवश्यकता है। घर ग्रहस्थी बरबाद हो रही है हमारी पीढ़ी इसकी चपेट मे है। पहले प्रथम प्रसव बेटी के ससुराल मे ही होता था ताकि जन्म लेने वाली संतान उस परिवार की प्रष्ठभूमि मे रम सके। उस परिवार के संस्कार उस संतान मे आ सके। लेकिन कालांतर मे यह प्रथा बेटी के पिहर मे चली गई। आज कथा में राजा बली की नगरी मे भगवान वामन अवतार और तीन पग जमीन का प्रसंग का सुंदर वर्णन और श्रीकृष्ण जन्म का सजीव वर्णन का प्रसंग पर चर्चा की गई।
आज मैवाड़ मुंगाणा महामण्डलेश्वर 1008 चेतनदास महाराज की निश्रा मे शिष्य अनुजदास महाराज के मुखारविन्द से चोथे दिवस की कथा का विश्राम आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। इस अवसर पर रंकावली माता मंदिर विकास एंव कथा समिति के पदाधिकारियों सहित सदस्यो के साथ ठा. तेजपाल सिंह चुण्डावत रुपपूरा , गजेंद्र सिंह राठौड़ रानीपुरिया , ठा.कैलाश सिंह पंवार आंकली , कांग्रेस नेता मनोहर जाट , समाजसेवी अभयकुमार जैन मोरवन , पूर्व सरपंच मुकेश राव आमलीभाट , ओमप्रकाश राव , आशाराम गायरीयावास सहित बड़ीसंख्या मे महिलाएं पूरुष श्रृद्धालु उपस्थित थे।
आयोजन का संचालन राजकुमार राव ने किया।
कथा दिनांक 14 जनवरी 2023 तक अरावली पर्वतमाला के उपर माता रंकावली के परिसर मे प्रतिदिन प्रातः 11: बजे से शांयकाल 4:बजे तक चलेगी।