सिंगोली। तहसील क्षैत्र के गांव बाणदा , झोपड़िया व जेतलिया के आदिवासी महिला एवं पुरुषों ने मंगलवार को सिंगोली तहसील मुख्यालय पर बाणदा बांध के निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार राजेश कुमार सोनी को बड़ी संख्या में तहसील कार्यालय सिंगोली पहुंचकर स्वीकृत बाणदा बांध निर्माण योजना को निरस्त करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
तहसीलदार को ज्ञापन में आदिवासियों ने बताया कि बांध निर्माण से हमारी उपजाऊ जमीन व रहवासी मकान डूब में आ जायेंगे जिससे सैकड़ो परिवारो के सामने जीवन यापन की समस्या सहित धार्मिक स्थल प्रभावित होगे साथ ही पशुओं को पालने की सबसे बड़ी दिक्कत होगी. आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन ओर ज्ञापन को ध्यान में रखते हुए बुधवार दोपहर को सहायक कलेक्टर सजृन वर्मा,जावद अनुविभागीय अधिकारी शिवानी गर्ग , सिंगोली तहसीलदार राजेश कुमार सोनी व जलदाय विभाग के अनुविभागीय अधिकारी जगदीश चन्द्र चौहान सहित कई अधिकारी ग्रामीणों से रूबरू होने बाणदा पहुंचे ओर करीब 4 घण्टे वही रूके और गांव के बीच ग्रामीणों की चौपाल बुलाकर उनसे चर्चा कर उनकी समस्याओ को सुनकर मोके पर ही समाधान बताया। आदिवासी ग्रामीणों की सारी चर्चा सुनने के बाद एसडीएम शिवानी गर्ग व तहसीलदार राजेश कुमार सोनी ने ग्रामीणजनों को विस्तार से बताया कि बांध निर्माण से बहुत सारा एरिया सिंचित होगा और क्षैत्र मे सिंचित ऐरिया बढ़ेगा वही बांध बनने से डूब क्षैत्र में आनेवाले परिवार को पर्याप्त रहने के लिए घर दिए जाएगे जो अभी आप रह रहे हो उससे भी बेहतर घर होगे। वर्तमान में अभी आप लोग कच्ची झोपड़ियों में जीवन यापन करने वाले परिवारो को भी पक्के मकान का सपना साकार होगा। आपके नवीन पुर्नवास से पक्की सड़क बनकर नीमच सिंगोली मुख्यमार्ग से जुड़ जायेगी । जिससे आपका गांव शहर में तब्दील होगा आपको अनेको अनेक मूलभूत सुविधा जैसे पानी, बिजली, शिक्षा, सड़क, मंदिर, जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी यह सब सुविधाएं आपको उच्चाई वाले स्थान पर आपके लिए नया गांव बसाकर दी जाएगी साथ ही आपकी जितनी जमीन डूब मे जाएगी उसके बदले आपको उतनी ही जमीन या बाजार भाव से दुगनी कीमत का मुवावजा दिया जाएगा जिससे आप कही अन्य जगह जमीन खरीद सकते है।
अधिकारियो से चर्चा के बाद ग्रामीणो मे दिखी संतुष्टी :-
अधिकारियों की आदिवासियो से हुई चर्चा से लगा की अधिकांश ग्रामीणों ने अपनी संतुष्टी प्रकट की है। जिससे बांध निर्माण की राह आसान होती दिखाई पड़ती है।