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एमपी ओर राजस्थान की सरहद छतरिया के बालाजी पर 9 दिवसीय संगीतमय श्री रामकथा का आयोजन

प्रदीप जैन January 4, 2023, 7:32 pm Technology

सिंगोली। राम कथा जंहा होती है। वँहा स्नेह दया और करुणा की वर्षा होती है । समुंदर का पानी खारा होता है लेकिन आकाश के सम्पर्क में आकर वर्षा जल के रूप में मीठा बन जाता है। सज्जनो ओर श्रेष्ठ लोगो के संगत में आकर हमारा चरित्र उच्चा बन सकता है।

रामकथा संस्क्रति ओर संस्कारो का पोषण करती है। इसे हम भक्ति और कर्म ओर ज्ञान का सयोंग भी कह सकते है । जिस प्रकार मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज होने पर उसे रिचार्ज करना पड़ता । उसी तरह राम कथा भी हमारे जीवन को रिचार्ज करती है यह बात मेंढकी महादेव के तपोनिष्ठ संत नन्दकिशोर जी महाराज ने कही वे एमपी राजस्थान की सरहद स्थित छतरिया के बालाजी (कदवासा चौराहा) पर समस्त क्षेत्र वासियो के तत्वाधान में संगीतमय 9 दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिवस पर बड़ी संख्या में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कथा के आगे कहा है कि राम कथा जीवन को मर्यादित ओर संस्कारित बनाती है ।

भगवान राम के चरित्र में कई भी दोष नही है ओर इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरूषोत्तम कहा गया । राम कथा भारत भूमि का आधार स्तंभ है । हमारे विवेक को सही दिशा में ले जाने ओर परिवार को सुखी एवं यशस्वी बनाने के लिए राम कथा का श्रवण सबसे श्रेष्ठ उपाय है। महाराज ने राम जन्मोत्सव के पूर्व शिव पार्वती के विवाह का विवरण व विवाह की मनमोहक झांकी से पूरा पंडाल में भव्य नृत्य व भजनों की से गूंज उठा। श्रीराम कथा में दक्ष प्रजापति द्वारा किये गए यज्ञ में भगवान भोले नाथ व सती पार्वती को आमंत्रित नही करने का विवरण विस्तार से भक्तों को श्रवण कराया गया।

माता पिता की सेवा व आज्ञा के पालन से बड़ा कोई धर्म नही :-

श्रीराम कथा में कथावाचक नन्दकिशोर जी महाराज ने लव जिहाद का नाम लिए बगैर श्रद्धा के साथ घटित घटना पर बड़ा अफसोस जाहिर करते हुए बताया कि माता पिता कितनी कठिनाई व दर्द को शहन कर आपकी हर फरमाइश को पूर्ण करते है । माता पिता कर्ज कर भी आपकी हर इच्छा का ख्याल करते और यह चिंता एक दो दिन या एक दो साल नही बल्कि 20 साल अपनी पेट की भूख प्यास काटकर आपको शिक्षित अपने पैरों पर खड़ा कर देते है। लेकिन अफसोस श्रद्धा जैसी लड़की अपने चंद दिनों के प्रेम की भूख के पीछे अपने माता पिता व परिवार को छोड़कर माता पिता के नाम को कलंकित कर जाती है याद रखना संसार मे मातापिता की सेवा व उनकी आज्ञा के पालन से बड़ा कोई धर्म नही हो सकता है ।

माता पिता के चरणों मे स्वर्ग होता है । श्रीराम कथा हमे जीवन को जीने की कला सिखाती है इसको सुनने मात्र से हमारे जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते है ।

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