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नीमच को जिला बने बीते 24 वर्ष, पर आज भी कई विभाग मंदसौर में 20 साल से सत्ता में भाजपा के विधायक, लेकि नीमच को नही दिला पाए जिले का पूरा हक़-कांग्रेस नेता तरुण बाहेती

दुर्गाशंकर लाला भट्ट January 3, 2023, 3:41 pm Technology

नीमच। नीमच को जिला बने 24 वर्ष हो गए है उसके बाद भी आज तक कई शासकीय विभाग मंदसौर से नीमच नही आ पाए है। सन 1998 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नीमच जिले का गठन किया था। 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी बड़ी विडंबना यह है कि 13 से अधिक महत्वपूर्ण विभागों के मुख्यालय आज भी मंदसौर में ही है जो सालों पहले नीमच में हो जाने थे। इससे नीमच की जनता को लगातार बड़ा नुकसान हो रहा है लेकिन दुखद है कि प्रदेश में भाजपा की 20 वर्षों की सत्ता के बाद कभी इस महत्वपूर्ण मामले को जिले के भाजपा विधायकों ने कभी ध्यान ही नही दिया।

यह मुद्दा कांग्रेस नेता और जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने उठाया है। उन्होंने कहा कि 1998 में प्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजयसिंह सरकार थी, तब नीमच की जनता की मांग नीमच जिले का नवीन गठन किया था। जिला बनने के बाद कांग्रेस शासनकाल में अनेकों विभाग नीमच में स्थापित हुए। लेकिन कुछ अति महत्वपूर्ण 13 से अधिक विभाग मंदसौर से नीमच स्थापित होना रह गए थे उन्हें बाद कि भाजपा नीत सरकार को नीमच जिले में लाना था लेकिन नीमच का दुर्भाग्य है उन्हें ऐसे जनप्रतिनिधि मिले जो ऐसे बड़े मामले में कोई प्रयास तो छोड़िए कोई चर्चा तक नही कर पाए। बाहेती ने कहा कि हमारे जिले के बड़े बड़े विभागों के कार्यालय मंदसौर में होने से नीमच के आम जनता का बीते सालों में जो नुकसान हुआ है उसकी पूर्ति नही की जा सकती। जिले की जनता ने लगातार 2003 से भाजपा के नेताओ को विधानसभा भेजा लेकिन वे जनता के प्रति अपना फर्ज नही निभा पाए और इन्होंने जनता को सुविधाएं देने के बजाय उनका शोषण जैसा कार्य किया। सहकारी बैंक, सौर ऊर्जा, पोस्ट ऑफिस सहित 13 से अधिक विभाग मंदसौर में : - बाहेती ने बताया कि नीमच को जिला बने 24 वर्ष बीत चुके हैं,जिला सहकारी बैंक का मुख्यालय मंदसौर है।

जबकि नीमच जिला बनने के बाद अलग बैंक बनना ही था अगर अलग सहकारी बैंक बनता जो उसमें नीमच जिले का अध्यक्ष बनता तो नीमच को निश्चित फायदा होता। नीमच जिले में सहकारी बैंक नही होने से जिले में सहकारी समितियों का विस्तार नहीं हो पाया। जिले मेंं ग्राम पंचायतों की संख्या 246 है, लेकिन सहकारी समितियों की संख्या करीब 167 ही है। श्री बाहेती ने बताया कि प्रदेश भर में सौर ऊर्जा के लिए नीमच जिला विख्यात हो चुका है। जावद में हजारों हेक्टेयर भूमि पर सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है लेकिन विडम्बना है कि सौर ऊर्जा का अक्षय ऊर्जा विभाग का मुख्यालय भी मंदसौर में है। बाहेती ने बताया कि इसके अलावा पोस्ट आफिस, बीएसएनएल, मप्र राज्य विपणन संघ, मप्र आपूर्ति निगम, जल निगम, इफको, पुरातत्व विभाग, हाउसिंग बोर्ड, श्रम न्यायालय, हस्तकरघा विभाग, सेतु विकास निगम समेत कई विभाग है, जिनके मुख्यालय मंदसौर है, जबकि कभी नीमच में हाउसिंग बोर्ड का कार्यालय हुआ करता था, लेकिन उसे मंदसौर भेज दिया गया। अब लोगों को हाउसिंग बोर्ड संबंधित कार्यो के लिए मंदसौर व रतलाम की दौड़ लगाना पड़ रही है। इसी तरह नीमच जिला पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है। कई मंदिर नीमच जिले में ऐसे हैं, जो सदियों पुराने हैं इसके अलावा आजादी की लड़ाई की 1857 की क्रांति के अवशेष भी नीमच में जगह-जगह मौजूद है,लेकिन नीमच में पुरातत्व का कार्यालय नहीं होने के कारण ऐतिहासिक अवशेष इधर-उधर बिखरे पड़े हुए हैं। विपणन संघ का मुख्यालय अगर नीमच जिले में होता तो किसानों की उपज के सरकारी तौल केंद्र एवं खाद विक्रय केंद्र बढ़ते जिसका फायदा किसानों को होता। मध्यप्रदेश आपूर्ति निगम मंदसौर में होने से जिले में आज भी राशन की आपूर्ति मंदसौर से ही संचालित होती है। बाहेती ने कहा कि नीमच जिले में सही समय पर सभी विभाग के मुख्यालय आ जाते तो नीमच की जनता को अनगिनत फायदे होते हैं लेकिन दुख है कि आज भी इस मामले में वर्तमान विधायकों के कोई प्रयास नहीं है कि इन विभागों के मुख्यालयों को नीमच में लाया जाए। मुख्यालय मंदसौर होने से इन विभागों के अधिकारी नीमच जिले से तहसील के दर्जे का दोयम व्यवहार करते हैं। नीमच जिले के विधायक ही जिले के विकास के असली बाधक :- जिला पंचायत तरूण बाहेती ने आरोप लगाया कि नीमच को जिला बने तो पूरे 24 वर्ष बीत चुके हैं,ये सभी विभाग नीमच में आ जाते तो सैकड़ों कर्मचारी अधिकारी यहां कार्य करते जिसमें कई नीमच के लोगों को भी रोजगार मिलता और जनता को सुविधाएं होती लेकिन नीमच जिले के तीनों विधायकों ने बार बार विजय होने के बावजूद ऐसे कोई प्रयास नहीं किया जिससे अधूरा बना नीमच जिला पूर्ण जिला बन सके। उसने कहा कि प्रदेश में लगातार 20 वर्षों से भाजपा की सरकार है और भाजपा के ही विधायक रहे लेकिन ऐसे मामलों में एक चिट्ठी तक नहीं लिख पाए जो नीमच के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है । जनता को झूठे वादे कर लगातार चुनाव जीतने वाले यही विधायक नीमच के विकास के असली बाधक है। बाहेती ने कहा कि इस मामले में सांसद सुधीर गुप्ता से उम्मीद करना बेकार है क्योंकि सांसद सुधीर गुप्ता तो पहले ही नीमच का हक़ छिनने पर आमादा है। महत्वपूर्ण विभागीय कार्यालय मंदसौर में होने से उनका सीधा फायदा मंदसौर जिले का मिलता है सांसद का मंदसौर प्रेम जग जाहिर है तो वे क्यों चाहेंगे की नीमच में मुख्यालय स्थापित हो। बाहेती ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर वे इन सभी विभागों के मुख्यालयों को नीमच लाने का पुरजोर प्रयास करेंगे। पहले भी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने मंदसौर में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत होने के बाद नीमच को मेडिकल कॉलेज जैसी महत्वपूर्ण सौगात दी है। आज भी नीमच अधूरा जिला, इन विभागों का मुख्‍यालय मंदसौर में :- जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, श्रम न्‍यायालय,मप्र हाउसिंग बोर्ड, भारतीय डाक विभाग, पुरातत्‍व विभाग, मप्र आपूर्ति निगम, एमपी एग्रो, मप्र राज्य विपणन संघ, मप्र जल निगम, अक्षय उर्जा विभाग, इफ्को, भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड, हस्तकरघा विभाग, सेतु विकास निगम सहित कुछ अन्‍य विभागों के मुख्‍यालय व जिम्‍मेदार अधिकारियों के कार्यालय मंदसौर में स्थित है।

मुख्य बात यह है की इन विभागों के मंदसौर में होने की वजह से नीमच जिले की टीएल समीक्षा बैठक मंगलवार को होती है जबकि पूरे मध्यप्रदेश में यह बैठक सोमवार को आयोजित की जाती है इसका मुख्य कारण है कि जिला प्रशासन को इन विभागों की समीक्षा के कई मामले में मंदसौर की बैठक पर आधारित रहना पड़ता है।

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