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मानव चेतन्य होते हुए भी जड़ वस्तु में जकड़ा है। इस जकडंन को हटाने का पर्व है पर्युषण

विनोद पोरवाल August 24, 2022, 7:52 pm Technology

कुकडेश्वर। मानव जन्म चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद बड़े ही पुरुषार्थ से हमें मिलता है। और इसे पाने के बाद भी हम जड़ वस्तु भोग विलासिता की जकड़न में जकड़े हुए रहते हैं, इस जकड़न को हटाने और हमारी आत्मा का उत्थान हमें करना होगा। उक्त बात रत्न संघ से आये स्वाध्याय बंधु अखिलेश नाहर ने पर्युषण पर्व आराधना के प्रथम दिवस स्थानक भवन में प्रवचनों के दौरान व्यक्त करते हुए कहा मानव चेतन्य होते हुए भी जड़ वस्तु में जकड़ा हुआ है हमें दृष्टि बदलना होगी जहां तक दृष्टि नहीं बदलेगी वहां तक सृष्टि नहीं बदल सकते जिस प्रकार सूर्य का प्रकाश बंद कमरे में नहीं जाता उसके लिए बंद दरवाजे खोलने होते हैं उसी प्रकार हमारी आत्मा पर चढ़े भोग विलासिता के आवरण को हटाने के लिए त्याग तपस्या धर्म रूपी प्रकाश की आवश्यकता होती है और उस आवश्यकता के लिए प्रभु भगवान महावीर की जिनवाणी का सामान एवं गुरु भगवन्तों के बताए मार्ग पर चलने का पर्व है पर्वाधीराज पर्युषण इस पर्व को सार्थक करने के लिए हमें 8 दिनों तक इस भौतिक चकाचौध और बाहरी द्वंद को छोड़कर हमारी आत्मा के उत्थान का कार्य करें, धर्म आराधना त्याग तपस्या के माध्यम से आत्मा पर चढ़े आवरण को हटाए आपके सानिध्य में नित्य प्रातः 6:30 बजे प्रार्थना 8:30 बजे अंतगण सुत्र तत्पश्चात वाचन प्रवचन दोपहर धर्म चर्चा और सांय काल प्रतिक्रमण होंगे। इसी क्रम में श्री कुकडे़श्वर तीर्थ धरा पर मूर्तिपूजक जैन श्री संघ के प्रवचन के भी पर्युषण पर्व प्रारंभ है। मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा प्रातः मंदिर जी में प्रक्षाल पूजा अर्चना धर्म आराधना भक्ति के साथ नवपद पूजन और संध्याकालीन प्रतिक्रमण आदि धार्मिक आयोजनों के साथ त्याग तपस्या एवं प्रभु की भव्य अंगीरचना आदि धार्मिक अनुष्ठान होंगे। कुकडेश्वर सकल जैन श्री संघ पर्वाधिराज पर्युषण पर्व पर धर्म आराधना के साथ धूमधाम से मना रहा है।

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