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आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली ही नहीं बल्कि स्वस्थ जीवन जीने की पद्धति भी है -डॉक्टर सुनील रणावत,

प्रदीप जैन July 25, 2022, 6:29 pm Technology

सिंगोली। आयुर्वेद सिर्फ चिकित्सा प्रणाली ही नहीं जीवन जीने की पद्धति भी है। रसोई से लेकर दिनचर्या के मसालों के उपयोग की विधि को हम समझे तो हम सदैव निरोगी रह सकते हैं और स्वस्थ, दीर्घायु जीवन जी सकते हैं। मैं विगत 10 वर्षों से राजस्थान औषधालय संस्थान द्वारा अनुसंधान के बाद निर्मित आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग कर रहा हूँ। उसका विश्वसनीय उत्कृष्ट परिणाम सामने आया है। स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद का उपयोग महत्वपूर्ण है। उक्त बात डॉ सुनील रणावत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने उदबोधन में कही। रोगी सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा होती है । स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में सहभागी बनता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली उत्कृष्ट परिणाम देती है। आयुर्वेद के उपचार से जटिल से जटिल रोगों का उपचार किया जा सकता है। यह बात डॉक्टर नितेश पाटीदार ने बतौर मुख्य अतिथि कही वे राजस्थान औषधालय संस्थान मुंबई द्वारा ग्राम कनावटी स्थित (वृंदावन ग्रीन रिसोर्ट )एक निजी होटल में आयोजित चिकित्सक सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में चिकित्सकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर रोगियों की सेवा की और समाज के सामने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया । पीड़ित मानवता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा है। आयुर्वेद को नियम से अपनाएं तो संसार में सबसे अच्छी चिकित्सा प्रणाली है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ महेश शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद हमें शुध्द आहार विहार के बल पर स्वस्थ जीवन जीने की कला भी सिखाता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वैद्य राजकुमार मालानी ने कहा कि नशा पीड़ितों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां अमृत संजीवनी होती है। जो नशा छुड़ाने में सहायक सिद्ध होती है। राजस्थान औषधालय संस्थान के प्रतिनिधि आसिफ अख्तर ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए संस्थान द्वारा निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाते हैं। और दवाइयां भी निशुल्क वितरण की जाती है। संस्थान का उद्देश्य है आर्थिक तंगी के कारण कोई भी रोगी उपचार से वंचित रह नहीं रहे। राजस्थान औषधालय के चेयरमैन आयुष चिकित्सक डॉक्टर सलाउद्दीन चोपदार द्वारा नशा मुक्ति के लिए पूरे देश में अनेक सेवा प्रकल्प चलाएं इसके लिए श्री चोपदार कोआयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सम्मान तथा 2001 में राजस्थान सरकार कबीना मंत्री हीरालाल इंदौरा द्वारा नशा मुक्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान प्रदान किया गया । कार्यक्रम में डॉक्टर ए के राय डॉक्टर पिंकी मुंदडा, डॉ पी डी शर्मा डॉक्टर जुगल शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ आयुर्वेद के जनक धनवंतरी के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलित कर अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान आयुर्वेद प्रणाली से जटिल रोगों के उपचार के लिए आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण के लिए वीडियो प्रोजेक्टर द्वारा मेघा स्क्रीन पर सीधा प्रसारण भी किया गया। कोरोना महामारी के दौरान जिला चिकित्सालय कोरोना से पीड़ित मरीजों की सेवा के लिए किए गए परिश्रम के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजस्थान औषधालय संस्थान मुंबई द्वारा 30 चिकित्सकों को प्रमाण पत्र दवाइयां एवं पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर तीन भाग्यशाली पुरस्कार का ड्रा निकाला गया जिसमें प्रथम डॉ जुगल शर्मा, द्वितीय डॉक्टर कमल कुमार जोशी ,तृतीय डॉक्टर दीपक ओझा को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राजस्थान औषधालय के संस्थापक चेयरमैन डॉक्टर सलाउद्दीन चोपदार का जीवन परिचय कार्यक्रम का रचनात्मक संचालन कर रहे साहित्यकार कवि प्रमोद रामावत प्रमोद ने प्रस्तुत किया। तथा आभार आसिफ अख्तर ने व्यक्त किया।

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