इतिहास:आज वर्ल्ड हीमोफीलिया डे; इस बीमारी में खरोंच भी जानलेवा, जख्म से खून बहना बंद नहीं होता

Neemuch Headlines April 17, 2022, 6:57 am Technology

आज वर्ल्ड हीमोफीलिया डे है। हीमोफीलिया एक ऐसी घातक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को चोट लगने पर खून का थक्का नहीं जम पाता है। यानी इससे पीड़ित व्यक्ति को हल्की सी चोट लगने पर भी खून रुकता ही नहीं और ज्यादा खून बहने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। 1

989 से हुई वर्ल्ड हीमोफीलिया डे की शुरुआत हीमोफीलिया बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 17 अप्रैल 1989 को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाने की शुरुआत की गई थी।

वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक कैनबेल के जन्मदिन के अवसर पर 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है।

आखिर क्या है हीमोफीलिया?

दरअसल, जब भी व्यक्ति को कहीं चोट लगती है तो घाव से खून बहने लगता है। इस बहते खून को रोकने के लिए हमारे शरीर में एक ऑटो सिस्टम होता है। हमारा शरीर घाव के आसपास खून का थक्का जमा देता है, जिससे थोड़ी देर में खून निकलना बंद हो जाता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति हीमोफीलिया से पीड़ित होता है, तो चोट लगने पर उस व्यक्ति का खून का थक्का नहीं जम पाता है जिससे चोट से लगातार खून बहता रहता है। हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है जो खून में थाम्ब्रोप्लास्टिन या क्लॉटिंग फैक्टर की कमी की वजह से होती है। हीमोफीलिया के पीड़ित में खून न जमने की वजह से खरोंच लगने पर भी खून निकलता रहता है हीमोफीलिया के पीड़ित में खून न जमने की वजह से खरोंच लगने पर भी खून निकलता रहता है

क्या हैं इस घातक बीमारी के लक्षण

अगर कोई व्यक्ति हीमोफीलिया से पीड़ित होता है, तो उसे चाहे हल्की सी खरोंच भी लग जाए खून लगातार बहता रहता है। ऐसे व्यक्ति की हड्डियों के जोड़ों में दर्द बना रहता है। शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक सूजन हो जाती है। उसके मल या पेशाब में खून आता है। शरीर में नीले-नीले निशान पड़ जाते हैं। नाक में से खून आना, मसूड़ों से खून आना, आसानी से त्वचा का छिल जाना भी इसके कई लक्षणों में शामिल है।

कैसे करें इससे बचाव?

यदि आपके दांत और मसूड़ों से खून निकलता है तो तुरंत डेंटिस्ट को दिखाएं। खून पतला करने वाली दवाइयों से परहेज करें। अपनी डाइट में विटामिन और मिनरल्स से भरपूर चीजें शामिल करें। रोजाना एक्सरसाइज और योग करें। ज्यादा गंभीर लक्षण होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन देश के दूसरे राष्ट्रपति और भारत में शिक्षा के सबसे बड़े पुरोधा रहे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन 17 अप्रैल 1975 को हुआ था। 5 सितंबर 1888 को जन्मे डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वे 27 बार नोबल पुरस्कार के लिए नामित किए गए थे। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गयावे ऐसे शिक्षक रहे, जो देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति बने।

बेंजामिन फ्रैंकलिन का निधन:

जिन्होंने अपने आविष्कारों का कभी पेटेंट नहीं कराया बेंजामिन फ्रैंकलिन का जन्म 17 जनवरी, 1706 में बोस्टन शहर में हुआ था। उनके पिता साबुन और मोमबत्ती बनाते और बेचते थे। उनके 17 भाई-बहन थे। उन्होंने कई आविष्कार किए, लेकिन उन सब में तड़ित चालक सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। वे अमेरिका के सुप्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और पत्रकार रहे, लेकिन शायद वैज्ञानिक के रूप में आज उन्हें अधिक लोग जानते हैं। अमेरिका की आजादी के घोषणा-पत्र का मसौदा तैयार करने वाले 5 व्यक्तियों में से एक फ्रैंकलिन भी थे। 17 अप्रैल 1790 को फ्रैंकलिन का निधन हुआ था। उन्हें सम्मान देने के लिए 100 डॉलर के नोट पर उनकी फोटो छापी गई। 17 अप्रैल को देश-दुनिया के इतिहास में हुई

अन्य प्रमुख घटनाएं

2014: प्रसिद्ध कोलंबियाई उपन्यासकार ग्रैबिएल मार्केज का निधन।

2013: न्यूजीलैंड ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी।

2011: गेम ऑफ थ्रोन्स का पहला एपिसोड दिखाया गया।

2003: लगभग 55 साल बाद भारत-ब्रिटेन संसदीय मंच का गठन हुआ।

1997: प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता तथा उड़ीसा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक का निधन।

1995: पाकिस्तान में बाल मजदूरी को समाप्त करने वाले युवा कार्यकर्ता इकबाल मसीह की हत्या।

1993: अंतरिक्ष यान “STS-56” डिस्कवरी धरती पर लौटा। 1990: पटना के पास एक ट्रेन में धमाके से 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत। 

1983: भारत ने “एसएलवी-3” रॉकेट का प्रक्षेपण किया।

1982: कनाडा ने संविधान अपनाया।

1972: महानतम श्रीलंकाई स्पिनर मुरलीधरन का जन्म। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 800 विकेट लेने का रिकॉर्ड है।

1970: अंतरिक्ष यान अपोलो-13 ने धरती पर सुरक्षित वापसी की।

1946: सीरिया ने फ्रांस से आजादी मिलने की घोषणा की।

1875: सर नेविले चैंबरलिन ने स्नूकर का आविष्कार किया।

Related Post