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महाशिवरात्रि पर जानिए भारत में कहां बनी विश्व की सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा, 20 किलोमीटर से भी भक्त कर लेते है दर्शन

NEEMUCH HEADLINES March 1, 2022, 12:48 pm Technology

उदयपुर। आज पूरा देश धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मन रहा है। शिवालयों में शिवभक्तों की जय-जयकार है। हर-हर महादेव के नारे सुनाई दे रहे हैं और सभी शिवभक्ति में लीन हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विश्व में भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा कहां बनी है।

अगर नहीं तो चलिए नीमच हेडलाइंस टीम आपको बता रही हैं। विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा राजस्थान उदयपुर के करीब नाथद्वारा में बनी हुई है। यह प्रतिमा इतनी ऊंची है कि 20 किलोमीटर दूर से भी इसका दर्शन किया जा सकता है। इस विशालकाय प्रतिमा में लिफ्ट से लेकर तालाब तक बने हैं। इसी में 400 लोगों के बैठने जितना हॉल बनाया गया है।

श्रीवल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी प्रभु की हवेली से एक किलोमीट दूर गणेश टेकरी पर 351 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बनाई गई है। यह इतनी बड़ी है कि 20 किलोमीटर दूर से भी नजर आती है। इसमें पांच-पांच हजार लीटर क्षमता के दो तालाब बनाए गए हैं। जिसके पानी से भगवान शिव का अभिषेक होता है। शिव प्रतिमा के निर्माण में 10 साल से ज्यादा लगे है। प्रतिमा में 280 फीट तक लिफ्ट लगी है।

इस लिफ्ट से भगवान शिव के कंधे से श्रद्धालु अरावली की पहाड़ियां देख सकते है। प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान और आराम की मुद्रा में विराजित है। प्रतिमा को 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से देखा जा सकता है। इतनी ही दूरी से रात में भी प्रतिमा को स्पष्ट तौर से देखने के लिए विशेष लाइट लगाई गयी है, जिसे अमेरिका से मंगाया गया है।

जब इस प्रतिमा का निर्माण हो रहा था, तब शुरुआत में इसकी ऊंचाई 251 फीट तय थी लेकिन बाद में मिराज समूह के मदन पालीवाल की सिफारिश पर ऊंचाई 351 फीट करने का फैसला लिया गया। इस प्रतिमा का निर्माण मिराज ग्रुप के सीएमडी मदनलाल पालीवाल ने ही बनवाया है। प्रतिमा के अंदर चार लिफ्ट हैं। दो लिफ्ट में एक बार में 29-29 श्रद्धालु 110 फीट तक जाते है। इसके बाद 280 फीट तक दो फीट से 13-13 श्रद्धालु एक साथ जाते है। प्रतिमा में मेंटेनेंस स्टाफ के लिए तीन सीढ़ियां भी है।

पानी के पांच-पांच हजार लीटर के दो वाटर हॉल भी बनाए गए हैं। एक से शिव प्रतिमा का अभिषेक होगा और दूसरा किसी इमरजेंसी के लिए। प्रतिमा के अंदर दूरबीन लगाई गयी है। ताकि पर्यटक शिव प्रतिमा में ढाई सौ फीट से अरावली पर्वत शृंखला के अद्भुद नजारे का आनंद उठा सके। शिव प्रतिमा का काम 2012 में शुरू हुआ था। इससे पहले नेपाल (Nepal) स्थित कैलाशनाथ मंदिर में शिव प्रतिमा 143 फीट है।

वहीं कर्नाटक के मुरुदेश्वर मंदिर की शिव प्रतिमा 123 फीट। जबकि तमिलनाडु का आदियोग मंदिर की शिव मूर्ति 112 फीट की है।

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