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महाशिवरात्रि पर मध्यप्रदेश के दूसरे ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर महादेव के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, हुआ आलौकिक श्रृंगार

NEEMUCH HEADLINES March 1, 2022, 12:34 pm Technology

खंडवा। शिव की नगरी ओंकारेश्वर में मंगलवार को भगवान भोलेनाथ के दर्शन का तड़के चार बजे से सिलसिला शुरू हो गया है। सबसे पहले भगवान के दर्शन साधु संत और महंतों ने किए।

भीड़ बढ़ने से मंदिर परिसर में कतार लगने लगी है। श्रद्धालु दर्शन प्रशासन ने 12 से 14 घंटे में एक लाख श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने का लक्ष्य रखा है। इसके चलते गर्भगृह में श्रद्धालुओं को एक मिनट में बाहर किया जा रहा है। मंगलवार सुबह शुरू हुआ दर्शनों का सिलसिला बुधवार रातभर जारी रहेंगा।

महाशिवरात्रि पर शाम को मंदिर परिसर में 11000 दीपक को प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाया जाएगा। वहीं संस्कृति विभाग द्वारा बस स्टैंड क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह बेला पर मंदिर परिसर में दीपोत्सव का आयोजन होगा।

तीर्थनगरी में हर-हर महादेव और ओंम नम: शिवाय की गूंज शुरू हो गई है। श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर ट्रस्ट ने नए झूला पुल से आने वाले श्रद्धालुओं को सुखदेव मुनि द्वार से गर्भगृह में भेजा जा रहा है। वहीं पुराने पुल से आने वाले श्रद्धालु मुख्य चांदी द्वार से अंदर प्रवेश कर रहे है। कोरोना प्रतिबंध की वजह से दो साल बाद भोले के दरबार में महापर्व मनाए जाने से लोगों में अत्यधिक उत्साह है।

ओंकारेश्वर और ममलेश्वर मंदिर के अलावा तीर्थ नगरी के अन्य आश्रम मठ और सामाजिक संस्थाओं द्वारा भव्य स्तर पर आयोजन किए जा रहे हैं। जगह-जगह फरियाली प्रसादी का वितरण हो रहा है। महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर भगवान ओमकारेश्वर को हजारों रुद्राक्षअर्पित किए गए है। जो श्रद्धालुओं को वितरित किए जा रहे हैं।

महाशिवरात्रि पर मंदिर ट्रस्ट की ओर से दोपहर में भगवान का विशेष श्रंगार और 151 किलो पेड़े का महाभोग लगाया जाएगा। श्री जी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ और पुनासा एसडीएम सीएस सोलंकी ने बताया कि गर्भगृह एक मिनट से ज्यादा श्रद्धालु नहीं रूके इसके लिए आवश्यक कर्मचारियों और पंड़ितों को निर्देशित कर व्यवस्था बनाई है।

हमारा लक्ष्य एक मिनट में 70 से 100 श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन करवाने का लक्ष्य है। वैसे दो कतार लगने से श्रद्धालुओं को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। महापर्व पर भीड़ को देखते हुए सुबह छह बजे बाद भगवान के मूलस्वरूप पर सीधे जल, पुष्प और बेलपत्र चढ़ाना प्रतिबंधित कर दिया है। इसके लिए गर्भगृह के बाहर ही एक पात्र रखकर एकत्र किया जा रहा है। महाशिवरात्रि पर भगवान ओंकारेश्वर का आंगन दीपों की रोशनी से जगमगाएगा।

मंदिर परिसर में शाम को 11 हजार दीपक मंदिर ट्रस्ट की ओर से लगाए जाएंगे। तीर्थ नगरी में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ने से मंगलवार सुबह से ही संचार व्यवस्था दम तोड़ दे नेट व्यवस्था गड़बड़ आने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे में सेल्फी और तीर्थ नगरी के नजारे इंटरनेट मीडिया पर डालने वाले निराश हुए।

बैंडबाजे से पहुंचे साधु, संत :-

महाशिवरात्रि पर परंपरा अनुसार सबसे पहले संत महात्माओं ने भगवान ज्योतिर्लिंग के दर्शन व पूजन किया। संत मंडल के महामंडलेश्वर, महंत, साधु और पंडित तड़के पांच बजे नर्मदाजी में स्नान के बाद ढोल और बैंड-बाजों के साथ नगर में शोभायात्रा से रूप में मंदिर पहुंचे। मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित आशीष दीक्षित ने बताया कि मंदिर परिसर व गर्भगृह फूलों से विशेष शृंगार किया गया है। यह फूल रतलाम से आए हैं।

दो साल बाद कोरोना प्रतिबंध हटने से श्रद्धालुओं में महापर्व को लेकर उत्साह है। दो दिनों में दो लाख श्रद्धालु दर्शन करेंगे। मंदिर ट्रस्ट के सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि मंदिर के कर्मचारियों व कोटवारों को व्यवस्था बनाने के लिए तैनात किया गया है। भीड़ नियंत्रण के लिए जगह- जगह बेरिकेडिंग की गई है। पुलिस द्वारा वाहनों की व्यवस्थित पार्किंग के साथ ही बड़े वाहनों का प्रवेश रोक दिया है।

शाम में पुराना बस स्टैंड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजनों का आयोजन होगा। शंकर की महिमा पर आधारित नृत्य और भजन होंगे।

भोलेनाथ का किया जलाभिषेक :-

ओंकारेश्वर में नर्मदा के दक्षिण तट पर स्थित ममलेश्वर महादेव का जलाभिषेक करते हुए साधु-संत, श्रद्धालु। विदित हो कि कोरोना काल के बाद से पुरातत्व विभाग द्वारा ममलेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इसके चलते करीब दो साल से आम श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश बंद है। महाशिवरात्रि को देखते हुए तीन दिन के लिए पुरातत्व विभाग द्वारा पूजा-अर्चना की अनुमति दी गई है। सोमवार से बुधवार तक श्रद्धालु यहां गर्भगृह में पहुंचकर पूजा और जलाअभिषेक कर सकेंगे। महाशिवरात्रि पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की यहां भी भीड़ लगी हुई है।

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