नीमच। नीमच जिले की मनासा विकासखण्ड के ग्राम बासनिया के प्रगति शील किसान भागीरथ नागदा ने औषधीय फसल अश्वगंधा का बीज उत्पादन कर 13 लाख रूपये की आय प्रापत की है। इस तरह वे अश्वगंधा की खेती कर, लखपति बन गये है।
किसान भागीदार नागदा ने सीमैप, लखनऊ द्वारा विकसित किस्म सिम पुष्टि का प्रदर्शन 0.10 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाया। सीमैप लखनऊ द्वारा दी गई,जानकारी के आधार पर उन्होंने अपनी फसल का प्रबंधन किया। किस्म नयी होने व बीज की उपलब्धता बहुत कम होने से उन्हें अच्छी किस्म का बीज उत्पादन की जानकारी दी गई।
सिम पुष्टि किस्म की जड़ो का उत्पादन बहुत अच्छा होने से जड़ो का अच्छा मूल्य मिला और कुछ बीज भी उनके द्वारा पैदा किया गया। कुल आय सोयबीन की फसल से होने वाली आय की तुलना में बहुत अधिक हुई।
इससे प्रोत्साहित होकर किसान भागीरथ नागदा ने फसल विविधीकरण अपनाते हुए , अश्वगंधा का बीज उत्पादन करने का सोचा और अपना अश्वगंधा का बुवाई क्षेत्र 0.10 हेक्टेयर से बढाकर 1.20 हेक्टेयर से भी अधिक कर लिया। तकनीकी पहलू वह पहले साल में सीख चुके थे, दूसरे वर्ष में उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में और भी अच्छा हुआ ओर 1.20 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 25 क्विंटल अश्वगंधा की जड़ो का उत्पादन हुआ, जो उन्होंने 25000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा इसके साथ ही 8 क्विंटल बीज का उत्पादन भी हुआ जो किस्म की मांग को देखते हुए उन्होंने 900 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा और लगभग 7 लाख रुपये की आय प्राप्त की।
इस प्रकार कुल 13 लाख रुपये की आय उन्हें अश्वगंधा की जड़ और बीज की बिक्री से प्राप्त हुई। भागीरथ नागदा से प्रेरणा लेकर अन्य कृषको ने भी इसे अपनाया और स्वयं भागीरथ ने अपना रकबा बढाकर 3 हेक्टेयर(खरीफ एवं रबी)कर लिया है।भागीरथ नागदा एक जैविक किसान है, इन्हे कृषि विभाग की तरफ से मध्य प्रदेश जैविक प्रमाणीकरण संस्था से प्रमाणीकरण कराये जाने की सलाह दी।
जिससे उन्हें जैविक अश्वगंधा की और भी अच्छी कीमत प्राप्त हो सकेगी। इस प्रकार विविधीकरण को अपनाकर किसान ने अपनी आय बढ़ाई और इस बात की जागरूकता भी फैलाई की बीज उत्पादन करके भी किसान अच्छी आय प्राप्त कर सकते है।