मुंबई। शेयर बाजार में भारी गिरावट का दौर जारी है। कोरोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को सेंसेक्स गिरावट के साथ खुलने के साथ और टूट गया। 11 बजे तक सेंसेक्स 750 अंक टूटकर 58,283 पर निफ्टी करीब 250 अंक से अधिक लुढ़कर 17,376 पर कारोबार कर रहा था।
बीते चार कारोबारी दिन में सेंसेक्स 2700 अंक से अधिक लुढ़क चुका है। निफ्टी में भी करीब 1100 अंक की गिरावट आई है। ऐसे में बाजार में एक बार फिर से डर का माहौल बन गया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेड के फैसले को देखते हुए बाजार और नीचे जा सकता है।
मार्केट क्रैश नहीं बल्कि करेक्शन मोड में, गिरावट आगे भी संभव :-
शेयर बाजार एक्सपर्ट हर्ष रुंगटा ने इंडिया टीवी को बताया कि अमेरिकी फेड के बयान जिसमें उसने ब्याज दरा में बढ़ोतरी की बात कि है उसका असर दुनिया सहित भारतीय बाजार पर दिख रहा है। अगर फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो बाजार में लिक्विडिटी की कमी आएगी। इसके चलते बाजार में और गिरावट आ सकती है। हां, यह क्रैश बिल्कुल नहीं है बल्कि करेक्शन है। ऐसे में निवेशक अच्छी कंपनी के शेयरों के साथ बने रहें।
निवेश अभी थोड़ा ठहर कर करें। आईटी शेयरों में सेलिंग :-
वैश्विक बाजारों में बड़े पैमाने पर नकारात्मक रुख के बीच विप्रो, बजाज फिनसर्व और इंफोसिस जैसे बड़े शेयरों में बड़ी गिरावट सेलिंग देखने को मिली है। इससे बाजार में बड़ी गिरावट आई है। कारोबारियों के मुताबिक विदेशी कोषों के लगातार बाहर जाने से भी घरेलू शेयर बाजारों पर दबाव बना। इसके अलावा टेक महिंद्रा, विप्रो, बजाज फिनसर्व, इंफोसिस, एचसीएल टेक और बजाज फाइनेंस भी गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर पावरग्रिड, मारुति, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल में बढ़त देखने को मिली।
वैश्विक बाजार में भी गिरावट :-
एशियाई बाजारों में हांगकांग, सोल और तोक्यो के बजारों में गिरावट का रुख था, जबकि शंघाई में तेजी देखने को मिली। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.92 प्रतिशत बढ़कर 88.70 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को सकल आधार पर 3,148.58 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।