नीमच। जिले को टीबी मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों के साथ जनजागरूकता कार्यक्रम किये जा रहे है।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी स्तर पर टीबी जाँच की जा रही है। जिला टीबी अधिकारी डॉ.दिनेश प्रसाद ने बताया, कि शासन द्वारा इस वर्ष 2750 लोगो में टीबी पोजिटिव खोजने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमे से अभी तक 1800 लोगो में टीबी पोजिटिव पाया गया। जिनका उपचार चल रहा है।
शासन की निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति माह 500 रूपये की राशि सीधे मरीजों के खाते में डाली जा रही है।यह राशि 6 माह तक दी जाती है ओर फिर से टीबी जाँच करते है, यदि फिर भी संक्रमण है,तो आगामी दो तीन माह तक ओर निशुल्क दवाई और राशि प्रदान की जाती है। ग्राम स्तर तक आशा कार्यकर्ता मरीज को टीबी की दवाई वितरण करती है एवं फोलोअप लेकर समय से दवाई ले रहे कि नही इसकी रिपोर्टिंग का कार्य किया जा रहा है।
डॉ प्रसाद ने बताया कि 24 दिसम्बर को जिले के अधिकारियो की उपस्थिति में जिला पंचायत सभागार में एडिशनल सीईओ अरविन्द डामोर की उपस्थिति में जिला टीबी फोरम की बैठक आयोजित की गई है। सभी टीबी यूनिट को एक्टिव केस फाइनडिंग के निर्देश दिए गए। गुरुवार 30 दिसम्बर को जावद तहसील के ग्राम रूपपुरा में सुपर वाइजर द्वारा आमजन को टीबी के प्रति जागरूक किया गया ।
जिले में 9 केन्द्रों पर हो रही टीबी की जाँच :-
नीमच के जिला चिकित्सालय, जीरन, पालसोडा, जावद, रतनगढ़, सिंगोली, डीकेन, मनासा,रामपुरा में निशुल्क टीबी की जाँच व दवाई वितरण की गई।
टीबी होने पर व्यक्ति में एक सप्ताह तक खांसी चलना, बुखार, रात में पसीना आना, वजन कम होना यह लक्षण है। टीबी का इलाज समय पर नही लिया, तो फेफड़े खराब होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना और आगे जाकर घातक परिणाम हो सकते है। इसलिए समय रहते नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रो पर जाकर टीबी की जाँच करवाए।