नीमच। आज हम जिस आज़ाद भारत में सांस ले रहे हैं उसकी आज़ादी में अहम भूमिका निभाने वाले हमारे देश के राष्ट्रपिता ही आज उनकी जयंती पर सम्मान के मोहताज़ हो गए। गोडसे समर्थकों से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है ? आज गांधी जयंती के दिन नीमच जिले के स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा एक छोटी सी माला से वंछित रह गयी। कॉलेज प्रशासन एवं प्राचार्य वी के जैन द्वारा महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर सुबह से शाम होने तक भी माल्यार्पण तो दूर की बात प्रतिमा से धूल तक नही हटाई गई। इससे यह साबित होता है कि आज हमारी शैक्षणिक संस्थाओं के संचालकों की मानसिकता भी गोडसे की विचारधाराओं से प्रेरित है जो कही न कही गोडसे की तरह महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटाना चाहते हैं। इस तरह की हरकत शर्मनाक है। इन गोडसेवादियों को यह बात नहीं पता कि यह लोग व्यक्ति को तो समाप्त कर सकते हैं पर गांधी एक विचारधारा है जिसे समाप्त नहीं किया जा सकता। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने इस कृत्य की निंदा करते हुए कॉलेज प्रशासन द्वारा महात्मा गांधी के इस अपमान को असहनीय बताया है और साथ ही कॉलेज प्रशासन एवं प्राचार्य डॉ वी के जैन से इस राजनैतिक भेदभाव का जवाब मांगा है। हलाकि एनएसयूआई की राष्ट्रीय समन्वयक सुश्री मानसी नायडू अपने साथियो के साथ पहुची और गांधी जी की प्रतिमा के आसपास साफ़ सफाई करते हुए उन्हें नमन किया।