मध्यप्रदेश में कोरोना अब काबू में आ रहा है।
तीसरी लहर की आशंका की वजह से शिवराज सरकार ने 1 जून से धीरे-धीरे अनलॉक करने की तैयार कर ली है। इसके लिए गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूहों ने अनलॉक को लेकर सरकार से सिफारिशें की हैं।
स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर खोलने के लिए भी मंत्री समूह का गठन किया गया है। यह जल्दी ही बैठक कर अपनी सिफारिशें सरकार को भेजेगा।
शिवराज के सामने पेश की गईं सिफारिशें:-
अफसरों ने शुक्रवार देर शाम मंत्री समूह की सिफारिशें को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रेजेंट किया। इसमें कहा गया कि जिन जिलों में संक्रमण दर 5% से कम है, वहां कर्फ्यू में ढील देकर लोगों को राहत दी जा सकती है। भोपाल और इंदौर में यह दर फिलहाल 5% से ज्यादा है। ऐसे में यहां ज्यादा छूट नहीं देने की सिफारिश की गई है।
क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप 31 मई तक करे फैसला:-
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेंस ने बैठक में कहा कि भोपाल और इंदौर 40 दिन से ज्यादा समय से बंद है, इसलिए यहां भी थोड़ी राहत देनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने मंत्री समूह की सिफारिशों पर एक गाइडलाइन तैयार करने के लिए कहा। इसके आधार पर जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप 31 मई तक बैठक कर निर्णय लें, ताकि 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो सके।
31 मई को प्रभार वाले जिलों में बैठक करेंगे मंत्री:-
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे 31 मई को अपने कोविड प्रभार वाले जिलों में रहेंगे। इस दौरान मंत्री क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ बैठक करेंगे। इस बीच मुख्यमंत्री आज यानी शनिवार को सभी कलेक्टरों और संभागीय आयुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात भी करेंगे।
होटल और रेस्टोरेंट बंद रहेंगे:-
सूत्रों के मुताबिक, होटल व रेस्टोरेंट को फिलहाल बंद ही रखने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा अन्य ऐसे स्थान जहां भीड़ ज्यादा होती है, उन्हें भी बंद रखा जाएगा। शादी कार्यक्रम में शामिल होने वालों की संख्या कितनी होगी, यह मंत्री समूह की सिफारिश में नहीं है। माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के 20-20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है।
15 जून तक लागू रहेगी गाइडलाइन:-
सरकार अनलॉक की गाइडलाइन शनिवार देर शाम तक जिलों को भेज देगी। यह गाइडलाइन 1 जून से 15 जून तक लागू रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 15 जून के बाद फिर से समीक्षा कर नई गाइडलाइन जारी की जाएगी।
वैक्सीनेशन के लिए सेक्टर बनाने की सिफारिश:-
प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए बने मंत्री समूह ने कहा कि चुनाव की तरह सेक्टर बनाए जाना चाहिए। खासकर इसका प्रयोग ग्रामीण इलाकों में किया जा सकता है। 20 गांव को मिलाकर एक सेक्टर बनाए जाने की सिफारिश की गई है। मतलब यह है कि गांव में मतदाता सूची में वोटर्स संख्या के आधार पर टीके उपलब्ध कराए जाएं।
100 ऑक्सीजन बेड वाले अस्पताल अपना प्लांट लगाएं:-
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सबसे बड़ा संकट मेडिकल ऑक्सीजन का आया है। भविष्य में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए बनाए गए मंत्री समूह ने कहा है कि जिन अस्पतालों में 100 से ज्यादा ऑक्सीजन बेड हैं, उन्हें अपना प्लांट लगाना अनिवार्य होना चाहिए। 5 जिलों में ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट बनें मध्यप्रदेश में वर्तमान में ऑक्सीजन स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। मंत्री समूह ने कहा है कि प्रदेश के 5 जिलों में स्टोरेज प्लांट स्थापित किए जा सकते हैं। यहां से हर जिले में ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित हो सकती है।