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न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने वाले आरोपी को 03 माह का कारावास।

Neemuch headlines April 16, 2021, 12:23 pm Technology

नीमच। एम. ए. देहलवी, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, जिला नीमच द्वारा आरोपी को सुपुर्दगी में दी गई मोटरसाईकल को न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश देने के बावजूद आदेश का पालन न करके अमानत में खयानत करने वाले आरोपी रतनलाल उर्फ रथालाल पिता मोहनलाल निर्वाण, उम्र-79 वर्ष, निवासी-रिटायर्ड काॅलोनी, अहीर मोहल्ला, रेगर बस्ती धनेरिया रोड, थाना बघाना, जिला-नीमच को 03 माह का कारावास एवं 500रू. जुर्माने से दण्डित किया। विवेक सोमानी, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि तत्कालीन जिला न्यायाधीश महेश भदकारिया, नीमच के न्यायालय में लंबित इण्डसन बैंक लिमिटेड विरूद्ध राजू के सिविल प्रकरण में न्यायालय द्वारा डिक्रीदार बैंक के पक्ष में व राजू के विरूद्ध 17,992रू दिये जाने का निर्णय पारित किया था, जिसकी वसूली के लिए डिक्रीदार द्वारा न्यायालय में आवेदन देकर डिक्री के पालन हेतु कुर्की वारण्ट जारी करवाया गया था। कुर्की वारण्ट पालन में रूपये वसूली हेतू न्यायालय के कर्मचारीगण राजू के घर जाने पर वह नहीं मिला तो उसके पिता आरोपी रतनलाल उर्फ रथालाल से मोटरसाईकल को कुर्क कर आरोपी को इस शर्त पर सुपुर्दगी पर दिया गया था, कि न्यायालय द्वारा आदेशीत किये जाने पर उसे न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा। न्यायालय के द्वारा मोटरसाईकल को न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश देने के बाद भी आरोपी द्वारा उसको न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया व दिनांक 06.07.2017 को अंतिम बार मोटरसाईकल न्यायालय में पेश करने का आदेश दिये जाने के बावजूद आरोपी द्वारा कुर्क संपत्ति को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करके न्यायालय के आदेश का पालन न कर अमानत में खयानत करनें का अपराध किया, जिस कारण आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना बघाना में अपराध क्रमांक 12/2017, धारा 406 भादवि में पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर आरोपी द्वारा न्यायालय का आदेश न मानकर अमानत में खयानत किये जाने के अपराध को प्रमाणित कराकर उसकों कठोर दंड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। जिस पर से एम. ए. देहलवी, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, जिला नीमच द्वारा आरोपी को धारा 406 भादवि के अंतर्गत 03 माह के कारावास एवं 500रू. जुर्माने से दण्डित किया गया।

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