सिंगोली। 23 वे तीर्थंकर प्रभु पार्श्वनाथ का जन्म पोष वदी दसमी के दिन वाराणसी में हुआ था एवं पोष वदी ग्यारस के दिन उनकी दीक्षा हुई थी। इसलियें जैन धर्म मे ये बड़े ही पावन एवं मंगलकारी दिन है इन दिनों नवमी,दशमी,ग्यारस के दिन अट्ठम तप (तीन उपवास) करके धर्म आराधना की जाती है। इसी कड़ी में सिंगोली नगर में भी पोष दसमी की तीन दिवसीय आराधना धूमधाम से सम्पन्न हुई। जिसमे श्रद्धालुओं ने अट्ठम तप के साथ तीनो दिन मंदिर में स्नात्र महोत्सव किया। पोष दसमी जन्मकल्याणक के दिन धूमधाम से पार्श्वनाथ दादा का नगर में वरगोड़ा निकला, उसके पश्चात मांगलिक भवन छत्री बाघ में श्री संघ की ओर से स्वामीवात्सल्य का आयोजन रखा गया, दोपहर में भगवान की सुंदर मनोहारी आंगी बनाई गई एवं शाम को 108 दीपक से तीन लोक के नाथ की महाआरती उतारी गई, ततपश्चात मंदिर में ही श्रद्धालुओं ने अपने भजनों से सभी को भक्तिमय कर दिया। पोष वदी ग्यारस भगवान पार्श्वनाथ के दीक्षा दिवस को जीव दया के रूप में मनाया गया,पास की ही नारायण गोशाला कछाला में सभी समाज जनों द्वारा गायो को गुड़ और लापसी खिलाई गयी। इस मौके पर जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ सिंगोली के अध्यक्ष विनोद गांधी सहित सभी समाजजन उपस्थित रहे।