चीताखेड़ा। वर्षा ऋतु बीते डेढ़ माह से भी अधिक समय हो गया है लेकिन जिन सड़क मार्गों पर नवीन निर्माण की आवश्यकता है उन मार्गों की अब तक किसी ने सुध तक नहीं ली गई। अब तो स्थिति यह है कि यह मार्ग चलने लायक भी नहीं बचा है। बारिश व अन्य कारणों से चीताखेड़ा से नीमच पहुंच सड़क मार्ग जगह-जगह पूरी तरह से छलनी हो गई है, सड़क बन गई कब्रगाह। गड्डे आज से नहीं साल भर से भी अधिक समय से है लेकिन नवीन सड़क निर्माण की सिर्फ बातें ही हो रही है। विभाग के जवाबदार एवं सत्ता के राजनेता धृतराष्ट्र बने बैठे हैं जिसके कारण 40 से 50 ग्रामों के हजारों वाहन चालक मौत से खेलकर इस गड्डों वाली सड़क से अपने गंतव्यों तक पहुंचना पड़ रहा है।
यह सड़क मार्ग सबसे अधिक यातायात दबाव वाला मार्ग है इस मार्ग की अनदेखी लंबे समय से की जा रही है। सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ है परन्तु पीडब्ल्यूडी विभाग के आलाअफसरों, ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों की हिटलरशाही एवं निरंकुशता के चलते अभी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हो पाया। पाया। जिससे क्षेत्रवासियों में कड़ी नाराजगी है। धरातल पर आए घोषणा तभी ठीक होगी सड़कें। महुडिया और धामनिया में तो गड्डों वाली सड़क कब्रगाह बन गई है। जहां पैच वर्क किया गया था उनमें से कई जगह से कुछ ही घंटों में फिर उखड़कर गिट्टी बिखर गई जिससे वाहनों के फिसलने का भी खतरा बना हुआ है। जहां पैच वर्क नहीं हुआ, वहां तो परेशानी पहले से भी भयावह निर्मित हो गई है। दुर्घटनाओं के हादसों से कई वाहन चालक घायल तो कई वाहनों के कमानी पत्ते टूट गये है। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी का कहना है कि इस सड़क मार्ग का निर्माण कार्य स्वीकृत हो चुका है और शीघ्र शुरू होने वाला है। सड़क निर्माण कार्य स्वागत योग्य है लेकिन जनता अब खोखले वादों और तत्कालीक पैबंदों से आगे ठोस बदलाव चाहती है।
कड़वी सच्चाई यह है कि बीते कई सालों से सुनते आ रहे हैं कि नविन सड़क निर्माण कार्य शुरू होने वाला है पर नतीजा कुछ नहीं। सिर्फ पैच वर्क के नाम पर लिपापोती कर अभियान की इतिश्री कर लेते हैं, ऐसे त्वरित सुधार अभियान चले पर नतीजा वही निकला पहली बरसात के साथ ही सड़क फिर छलनी हो गई। लाखों रुपए खर्च कर पैच वर्क किया रुपए खर्च मगर गुणवत्ता का नामोनिशान नहीं दिखा। यह सिलसिला केवल सरकारी धन की बर्बादी और जनता की परेशानी बढ़ाने वाला साबित हुआ। जनता को अपेक्षा स्पष्ट है, गड्डों से मुक्ति और सुरक्षित यात्रा। जिम्मेदार तंत्र को यह समझना होगा कि सड़क केवल आवागमन का साधन नहीं बल्कि आमजन की सुरक्षा और जीवन से जुड़ी मूलभूत आवश्यकता है। इसी सड़क मार्ग पर रामनगर से कराड़िया महाराज तक दोनों साइडों में पटरियां सड़क से इतनी नीचे है कि क्रासिंग और अवरटेक के दौरान वाहन नीचे उतरते ही पलटियां खा जाए। सड़क के दोनों साइडों में पटरियां पानी के बहाव से डेढ़ से दो फीट गहरी खाइयों में तब्दील हो गई है। समय-समय पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत भी कराया गया है परन्तु पीडब्ल्यूडी विभाग के आलाअफसर कान में तेल डालें हुए हर बात को नजरंदाज किए जाते रहे हैं। बस मालिकों का कहना है कि जब हमसे सड़क पर वाहन चलाने का टेक्स पूरा ले रहे हैं तो हमें सड़क सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं करवाई जाती है।
खराब सड़क के कारण आए दिन हमारे वाहनों (बसों) में कई तरह के टूट फूटने का नुक़सान उठ उठाना पड़ रहा है। मार्ग से गुजर रहे टेंपो ड्राइवर पिंटू जैन ने बताया है कि इस मार्ग से रोजाना निकलता हूं हर दिन परेशानी हो रही है इस मार्ग की हालत सुधारना चाहिए। यात्री बस चालक गोपाल शर्मा का कहना है कि लंबे समय से सड़क पर बहुत ही लंबे और गहरे गड्ढे हो रहे हैं आवाजाही भी इस मार्ग पर अधिक रहती हैं जल्द नवीन सड़क का निर्माण होना चाहिए। जर्जर होने से अब चलने लायक भी नहीं बची है यह सड़क । पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ नेहा राठौर का कहना है कि हमने देखा है इस सड़क मार्ग की हालत बहुत ही खराब है। पहले टेंडर हो चुका था लेकिन ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया था और फिर वह टेंडर स्थगित हो गया था अब नये सिरे से टेंडर होंगे। अभी फिलहाल जीरन और कुचडोद सड़क मार्ग पर पेचवर्क कार्य कर रहे हैं, बहुत ही शीघ्र नीमच चीताखेड़ा मार्ग पर भी पेचवर्क कार्य कर लेंगे।