अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते पहली बार पदक दक्षिण अफ्रीका में 4 खिलाडिय़ों ने रचा इतिहास, बढ़ाया देश का मान विश्व चैम्पियनशिप में सिद्धांत व आयुष ने रजत, अस्मि और स्तुति ने कांस्य पर किया कब्जा।

Neemuch headlines December 11, 2025, 4:51 pm Technology

नीमच। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीमच के चार युवा खिलाडिय़ों ने पहली बार भाग लिया। पहले ही प्रयास में चारों खिलाडिय़ों ने देश के लिए पदक हासिल किए। दक्षिण अफ्रीका में 8 से 13 दिसंबर तक मॉडर्न पेंटाथलॉन बायथले-ट्रायथले विश्व चैम्पियनशिप में नीमच के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन कर रजत और कांस्य पदक अपने नाम किए। सीमित सुविधाओं के बीच भरी बड़ी उड़ान नीमच के युवा खिलाड़ी आयुष पिता सुनील शर्मा ने बायथले टीम में रजत पदक हासिल किया। आयुष ने लगातार स्थिरता और मजबूत तकनीक दिखाते हुए दूसरा रजत पदक भारत की झोली में डाला। आयुष की फिटनेस और गेम-प्लानिंग ने सभी को प्रभावित किया।

इसी प्रकार सिद्धान्त गोपाल जादोन ने बायथले टीम के साथ शानदार प्रदर्शन किया। सिद्धान्त ने तेज रफ्तार रनिंग और दमदार स्विमिंग के संग अत्यंत परिपक्व प्रदर्शन किया। करीबी मुकाबले में शानदार फिनिश करते हुए उन्होंने रजत पदक देश के नाम किया। बालिका वर्ग में अस्मि पिता मयंक कटारिया ने बायथले टीम के साथ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। अस्मि ने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शानदार आत्मविश्वास, संतुलित गति और अनुशासन दिखाते हुए कांस्य पदक देश की झोली में डाला। इसी प्रकार स्तुति पिता डॉ. मनीष चमडिया ने बायथले टीम के साथ देश की पदक तालिका में एक पदक और जोड़ा। स्तुति ने कठिन मुकाबले में बेहतरीन कमबैक करते हुए कांस्य पदक हासिल किया और भारत को अतिरिक्त बढ़त दिलाई। इन चारों खिलाडिय़ों की सफलता के पीछे मेंटॉर प्रभु मूलचंदानी का अथक प्रशिक्षण, अनुशासित शेड्यूल और मानसिक तैयारी की गहरी भूमिका रही।

खिलाडिय़ों ने मोटिवेटर राकेश कोठारी, जिला पेंटाथलॉन अध्यक्ष डॉ. मनीष चमडिया, संयुक्त सचिव मयंक कटारिया, नितेश शर्मा, जिला पैफी सचिव धीरेंद्र गहलोत, विशाल शर्मा आदि के सहयोग ने टीम को मजबूत आधार मिला। खिलाडिय़ों की तकनीक, फिटनेस और उच्च स्तरीय तैयारी में समीरसिंह जादोन, आयुष गौड़, नीलेश घावरी, सुधा सोलंकी, अभिषेक अहीर और रोहित अहीर का योगदान रहा। इनकी मेहनत ने खिलाडिय़ों को विश्व स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह तैयार किया। दक्षिण अफ्रीका में जीते गए 4 विश्व पदक इस बात का प्रमाण हैं कि नीमच अब सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के चैम्पियंस का नया केंद्र भी बनकर उभर रहा है। मेंटॉर प्रभु मूलचंदानी ने बताया कि प्रतियोगिता में अभी 2 दिन का खेल होना बाकी है। नीमच के खिलाडिय़ों से और बेहतर परिणाम की उम्मीद है।

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